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ज्ञानवापी मस्जिद के पक्षकारों को कानूनी मदद दी जाएगी, AIMPLB की मीटिंग में फैसला

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी. करीब दो घंटे चली मीटिंग में याचिकाकर्ताओं को कानूनी मदद देने का फैसला लिया गया है.

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मंगलवार को वाराणसी कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में सुनवाई हुई.  (File Photo) ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मंगलवार को वाराणसी कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में सुनवाई हुई. (File Photo)
मिलन शर्मा
  • वाराणसी,
  • 17 मई 2022,
  • अपडेटेड 1:30 AM IST
  • मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा- BJP नफरत फैला रही
  • सुप्रीम कोर्ट में भी मामले की चल रही है सुनवाई

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 17 मई को एक्सीक्यूटिव कमेटी की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी. करीब दो घंटे चली इस बैठक में बोर्ड ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के मामले में मुस्लिम याचिकाकर्ताओं को सभी कानूनी सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है. 

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने देश के राजनीतिक दलों से भी पूछा है कि पूजा के अधिकार अधिनियम 1991 पर उनका क्या रुख है. बोर्ड को लगता है कि ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे विवाद के हर पहलू के बारे में लोगों को खुले तौर पर नहीं बताया जा रहा है.
इसके अलावा बोर्ड की बैठक में ज्ञानवापी मस्जिद, टीपू सुल्तान, नमाज विवाद और देश में मुसलमानों से जुड़े हुए कई मुद्दों पर चर्चा हुई. इन सबके बारे में पैम्फलेट और किताबों के माध्यम से जानकारी दी जाएगी. AIMPLB की बैठक दो घंटे तक चली और इसमें बोर्ड के 45 सदस्यों ने भाग लिया. 

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वजूखाना बंद करना सरासर नाइंसाफी: बोर्ड

इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक बयान जारी कर कहा था कि मस्जिद और उसके अहाते के सर्वे का हुक्म और सर्वे के आधार पर वजूखाने को बंद करना सरासर नाइंसाफी है. मुसलमान इसे हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकते. सरकार इस मामले में दखल दे और हाइ कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जाए.

मुसलमान जुल्म बर्दाश्त नहीं कर सकते

बोर्ड ने कहा था कि सरकार 1991 के एक्ट के तहत तमाम इबादतगाहों की हिफाजत करे. अगर सिर्फ ख्याली दलीलों से इबागाहों की हैसियत बदल जाएगी तो देश में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो जाएगा. मुसलमान इस तरह के जुल्म को बर्दाश्त नहीं कर सकते.

वहीं, इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा कि हम नोटिस जारी कर रहे हैं और स्थानीय डीएम को आदेश देना चाहते हैं कि जहां शिवलिंग मिला है, उस जगह को सुरक्षित रखा जाए. लेकिन, लोगों को नमाज से ना रोका जाए. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वजूखाने में शिवलिंग मिला है, जो हाथ-पैर धोने की जगह है. नमाज की जगह अलग होती है. 

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बताते चलें कि ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, लेकिन मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह फव्वारा है. दरअसल ज्ञानवापी में जिस जगह शिवलिंग मिलने का दावा किया है, वहां का वीडियो सामने आया है. ज्ञानवापी का ये वीडियो पुराना जरूर है, लेकिन उसी जगह का है, जिसे लेकर अपने-अपने दावे हो रहे हैं. हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग बता रहा है, जो 3 फीट ऊंचा है और व्यास 12 फीट 8 इंच है. हालांकि, विशेष कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने साफ किया है कि जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह सर्वे के दिन का नहीं है, यह पहले का हो सकता है.

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