
उत्तर प्रदेश के इटावा में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद एक नया विवाद बढ़ गया है. भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष संजीव राजपूत और सदर विधानसभा से निर्वाचित विधायक सरिता भदौरिया के बीच विवाद अब सार्वजनिक होने लगा है. सरिता भदौरिया के सम्मान से पहले जिलाध्यक्ष ने पार्टी कार्यालय पर ताला जड़ दिया.
दरअसल, बीजेपी की निर्वाचित विधायक सरिता भदौरिया का सम्मान भारतीय जनता युवा मोर्चा की कार्यकारिणी के द्वारा कराया जाना था. यह कार्यक्रम करने के लिए जैसे ही कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय पर पहुंचे तो वहां पर जिला कार्यकारिणी के जिला अध्यक्ष के द्वारा ताला लगवा दिया गया और भाजपा कार्यालय पर कार्यक्रम ना कराने की हिदायत दी गई.
इसके बाद यह कार्यक्रम कार्यालय के बगल में स्थित निजी गेस्ट हाउस में संपन्न कराया गया. मामला इतना बढ़ गया कि अब भाजपा जिलाध्यक्ष और सदर विधायक के बीच में तल्ख़ियां बढ़ गई है. इससे पहले चुनाव के दौरान जिलाध्यक्ष का एक लेटर भी वायरल हुआ था, जिसमें सरिता भदौरिया को टिकट न देने की बात कही गई थी.
इस मामले में जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत ने बताया, 'युवा मोर्चा के द्वारा एक कार्यक्रम कराया गया था, जिसकी जानकारी हम लोगों को नहीं की गई थी, ना ही किसी पदाधिकारी को दी गई थी, बिना किसी पूर्व सूचना के वहां कार्यक्रम लगा दिया गया था, जब इस संबंध में युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष से कहा तो वह अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगा.'
जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत ने कहा, 'इस वजह से अराजकता और गुंडई के दम पर कार्यक्रम नहीं होगा, इसलिए फिर वहां से कार्यक्रम नहीं होने दिया.' टिकट न देने के वायकल लेटर पर उन्होंने कहा कि उससे पहले हर व्यक्ति अपनी बात रखता है, फिर भी पार्टी ने जिसको टिकट दिया, उसको हम लोगों ने चुनाव लड़वाया और जीत दिलवाई.
इस मामले में सदर विधायक सरिता भदौरिया ने बताया कि भाजपा युवा मोर्चा ने कार्यक्रम कराया था, उसमें हम लोगों को बुलाया गया और हम लोग वहां गए कार्यालय से संबंधित क्या मामला हुए इसकी हमको जानकारी नहीं है, भाजपा कार्यालय पर ताला क्यों लगाया गया है इसकी जानकारी नहीं है.
(रिपोर्ट- अमित तिवारी)