
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश सूचना आयोग में सूचना आयुक्त पद के लिए आवेदन किया है. उन्होंने ₹1 मानदेय पर यह आवेदन किया है. अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि वह इस पद के लिए सबसे उपयुक्त हैं. उनके पास आईपीएस के रूप में लंबा अनुभव रहा है.
साथ ही वे लम्बे समय से सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में सक्रिय हैं. इस दौरान उन्होंने तमाम जनहित याचिका एवं एफआईआर दायर करने के साथ अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के संबंध में मौके पर जा कर जांच की है.
अमिताभ ठाकुर के मुताबिक, वे 1 रुपये की टोकन धनराशि पर काम करने को तैयार हैं और अनुरोध किया कि उन्हें नियुक्त किया जाये ताकि वे आरटीआई एक्ट का वास्तविक लाभ दिलवाने में योगदान दे सकें.
उन्होंने आवेदनपत्र में कहा कि उनके पास न सिर्फ सभी आवश्यक योग्यताएं हैं बल्कि वे इस पद के लिए सबसे अधिक उपयुक्त भी हैं. उन्होंने कहा उनके पास आवश्यक अकादमिक योग्यताएं हैं और आईपीएस के रूप में लम्बा अनुभव है. साथ ही वे लम्बे समय से सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में सक्रिय हैं.
अमिताभ ने कहा वे बहुत लम्बे समय से निजी और सामाजिक कार्यों के लिए आरटीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा वे 01 रुपये की टोकन धनराशि पर काम करने को तैयार हैं.
उन्होंने अपने खत में लिखा, 'मैं भारतीय पुलिस सेवा का पूर्व अधिकारी हूं और प्रौद्योगिकी विषय में स्नातक हूं. मैं हर प्रकार से इस पद के लिए योग्यता रखता हूं. जैसा मेरे आवेदनपत्र में विस्तार से अंकित है. मैं यह घोषित करता हूं कि मैं सूचना आयुक्त पद पर नियुक्ति होने की स्थिति में इस विज्ञप्ति में इंगित प्रत्येक दिशानिर्देशों एवं प्रावधानों का पूर्ण पालन करूंगा. अनुरोध है कि मैं न सिर्फ सूचना आयुक्त हेतु निर्धारित समस्त योग्यताएं रखता हूं बल्कि निम्न कारणों से इस पद हेतु सर्वाधिक उपयुक्त अभ्यर्थी भी हूं.
1. मेरा अकादमिक प्रदर्शन शुरू से ही बहुत अच्छा रहा है और आईआईटी कानपुर से बीटेक के अलावा मैंने आईपीएस की सेवा में आने के बाद भी आईआईएम लखनऊ से मानव संसाधन प्रबंधन में फेलोशिप किया है, जो मैनेजमेंट में पीएचडी के समतुल्य है.
2. मैंने लगभग 28 वर्षों तक आईपीएस अफसर के रूप में कार्य किया है, जिस दौरान मैंने फील्ड पोस्टिंग सहित विभिन्न इकाइयों में कार्य किया तथा उनका अनुभव प्राप्त किया.
3. इसके साथ ही मैंने व्यक्तिगत स्तर पर एक सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में कई वर्षों तक समाज की सेवा की है, जिसमे विभिन्न संवेदनशील तथा महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनहित याचिकाएं दायर करने, समाज में हो रहे अनुचित एवं अवैधानिक कृत्यों के संबंध में एफआईआर दायर करने, स्वयं मौके पर जा कर भ्रष्टाचार एवं कदाचार के मामलों की जांच करने तथा इन तथ्यों से शासन-प्रशासन को अवगत कराने एवं कार्यवाही करवाने, विभिन्न प्रकरणों को सामने ला कर शोषित-पीड़ित-वंचित व्यक्तियों को न्याय दिलवाने आदि के कार्य सम्मिलित हैं.
4. मुझे विधि का भी बहुत अच्छा ज्ञान एवं जानकारी है. मैंने न सिर्फ व्यक्तिगत रूप से माननीय न्यायालयों में उपस्थित हो कर तमाम जनहित याचिकाओं एवं अन्य लोकहित में मामलों पर बहस की है बल्कि मैंने अपने सेवा संबंधित विभिन्न प्रकरणों एवं मेरे साथ किये गए विभिन्न अनाचार एवं कदाचार के संबंध में भी अपने तमाम मुकदमों की खुद ही बहस की है और आज भी कर रहा हूं.
5. मुझे आरटीआई का भी बहुत अच्छा अनुभव एवं जानकारी है. मैंने आरटीआई एक्ट पारित होने के बाद से लगातार इसका प्रयोग शुरू कर दिया था. प्रारंभ में मैंने अपने सेवा संबंधित मामलों में मुझपर हुए अन्याय के संबंध में इनका प्रयोग किया और बाद में मैंने इनका उपयोग जनहित एवं सामाजिक हित के कई कार्य/प्रकरण में भी किया. मेरे द्वारा अब तक हजारों आरटीआई प्रार्थनापत्र उत्तर प्रदेश तथा केंद्रीय सूचना आयोग में दायर किये गए हैं, जिनमे प्रार्थनापत्र दायर करने से लेकर आयोग तक इनके संबंध में अपना पक्ष रखे जाने का कार्य स्वयं मेरे द्वारा किया जाता है. मेरे आरटीआई प्रस्तुत किये जाने तथा इससे अपनी कमियां उजागर होने के भय से राज्य सरकार एवं भारत सरकार के कई विभागों ने मुझे बहुत अधिक आरटीआई मांगने हेतु लिखित रूप से “आरोपित” भी किया है.
6. इतना ही नहीं आरटीआई प्रकरणों को लेकर मैंने हाई कोर्ट में भी कई याचिकाएं प्रस्तुत की हैं तथा इनमे कुछ में महत्वपूर्ण एवं उपयोगी निर्णय भी पारित हुए हैं. निष्कर्ष यह कि मैं सूचना आयुक्त के पद हेतु शिक्षा, सेवा अनुभव, सामाजिक सेवा के प्रति समर्पण, विधिक जानकारी तथा आरटीआई के क्षेत्र में अनुभव सहित प्रत्येक तरह से उपयुक्त हूं.
विगत दिनों में मुझे भारत सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृति प्रदान की है, जिसके कारण मैं अब शासकीय बंधनों से स्वतंत्र हूं तथा इन स्थितियों में आसानी से इस पद को अपनी सेवाएं प्रदान कर सकता हूं. इतना ही नहीं, मैं आरटीआई के कार्यों के प्रति अपने समर्पण एवं इसके माध्यम से समाज की सेवा कर पाने के उद्देश्यों के लिए रु० 01 के टोकन मानदेय पर भी इस पद पर अपनी सेवाएं करने को तैयार हूं.
अतः अनुरोध है कि किसी राजनीतिक तथा बाह्य जोड़तोड़ के आधार पर सामाजिक कार्यों के प्रति शून्य समर्पण वाले किसी अन्य रिटायर्ड सरकारी सेवक अथवा किसी अर्ध-राजनैतिक व्यक्ति को पदासीन करने के स्थान पर इस पद के वास्तविक उपयोग हेतु मुझे इस पद पर नियुक्त किये जाने की कृपा करें ताकि आरटीआई एक्ट को बनाने के मूल उद्देश्य को वास्तविक रूप में फलीभूत करने में मैं अपना योगदान दे सकूं.