
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लुलु मॉल (Lulu Mall) में नमाज पढ़कर माहौल बिगाड़ने के आरोपी जमानत पर रिहा हो गए हैं. जेल से बाहर आए मोहम्मद इरफान, सऊद और आदिल ने रविवार को Aajtak से बातचीत की. उन्होंने बताया कि 12 जुलाई को तीनों मॉल घूमने गए थे. शाम को नमाज का वक्त हुआ तो वो जगह ढूंढने लगे. इसी बीच एक शख्स वहां नमाज अदा करते दिखाई दिया. इसके बाद उन तीनों ने भी मॉल के एक कोने में नमाज पढ़ी. तकरीबन 4 घंटे तक तीनों मॉल में रहे. उन्होंने कुछ खरीदा नहीं, लेकिन वहां खाना खाया और घूमे.
जमानत पर छूटे आरोपियों ने बताया कि नमाज एक कोने में अदा की गई थी और करीब 5 मिनट तक पूरी नमाज पढ़ी. वहीं, नमाज पढ़ने की गलत दिशा को लेकर बताया कि नमाज के बाद दुआ के वक्त घूमकर बैठा जाता है, इसलिए लोगों ने उसे गलत तरीके से बयां किया. इरफान ने बताया कि तीसरे दिन वीडियो वायरल होने के बाद वो तीनों डरे हुए थे कि कहीं उन्हें कोई मार न दे, इसलिए वो सामने नहीं आए.
हालांकि, उनमें से एक इरफान को पुलिस ने पहचान करके घर से गिरफ्तार कर लिया था, उसके बाद सभी ने अगले दिन सरेंडर कर दिया. तीनों आरोपियों ने कहा कि उन्हें अफसोस है कि उनकी वजह से माहौल खराब हुआ. मॉल में उनकी नमाज पढ़ने की कोई योजना नहीं थी, क्योंकि वहां कुछ लोग पहले से पढ़ रहे थे तभी वह भी वहां बैठ गए.
आरोपियों के वकील जीशान अल्वी ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए थी, क्योंकि यह कृत्य जानबूझकर या धार्मिक विद्वेष फैलाने के उद्देश्य से नहीं किया गया था.
गौरतलब है कि बुधवार यानी 13 जुलाई को लखनऊ के नए लुलु माल में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इन नमाजियों की गिरफ्तारी की थी. इस मामले पर दक्षिणपंथी संगठन अखिल भारतीय हिंदू महासभा के कुछ सदस्यों ने दूसरे दिन यानी 14 जुलाई को लुलु मॉल के गेट पर धरना-प्रदर्शन भी किया था.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मॉल कहे जा रहे लुलु मॉल का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 जुलाई को उद्घाटन किया था. इस दौरान यूपी सरकार के कई मंत्री और लुलु ग्रुप के चेयरमैन युसूफ अली भी मौजूद थे.