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फेसबुक ने बनाया रिश्ता: सात समंदर पार से हिंदुस्तानी बेटे की शादी में पहुंची अमेरिकन मां

यह किस्सा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का है.  जहां फेसबुक चैटिंग से मां-बेटे बने डिबरा और कृष्ण मोहन त्रिपाठी का रिश्ता इतना गहरा बन गया कि अमेरिका में रहने वाली डिबरा कृषण मोहन की शादी के लिए गोरखपुर पहुंच गई.

कुछ सालों पहले हुई थी फेसबुक के जरिए बात कुछ सालों पहले हुई थी फेसबुक के जरिए बात
प्रियंका झा
  • गोरखपुर,
  • 29 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 6:35 PM IST

मां और बेटे का रिश्ता अनोखा माना जाता है. इस रिश्ते को निभाकर हिन्दुस्तानी बेटे और अमेरिकन मां ने समाज के सामने अनोखी मिसाल भी पेश की है. सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर कई बिछड़े लोग एक दूसरे से मिलते हैं. लेकिन इस बार फेसबुक ने एक मां-बेटे के बीच ऐसा प्यार पनपा दिया कि अमेरिकन मां अपने बेटे की शादी के लिए हिंदुस्तान आ गईं.

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हल्दी लगाने पहुंची अमेरिकन मां
असल में यह किस्सा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का है. डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद से एमकॉम कर रहे कृष्ण मोहन त्रिपाठी की कुछ साल पहले एक 60 वर्षीय अमेरिकन महिला से फेसबुक पर चैटिंग शुरू हुई थी. महिला ने कृष्ण मोहन से बातचीत के दौरान जाहिर किया कि उनकी कोई संतान नहीं है. इस पर कृष्ण मोहन ने महिला से खुद को बेटे के रूप में स्वीकार करने के लिए पूछा और तब से कैलिफोर्निया की रहने वाली डिबरा एन मिलर ने कृष्ण मोहन को अपना बेटा मान लिया.

शादी का न्योता मिलने पर अमेरिका से आ गई हिंदुस्तान
डिबरा के पति एयरो स्पेस इंजीनियर पद से रिटायर हो चुके हैं. वह खुद अमेरिका में सर्जिकल सामान की व्यवसायी हैं. 29 जनवरी को कृष्ण मोहन त्रिपाठी की गोरखपुर में शादी होनी थी. कृष्ण मोहन ने अपनी अमेरिकन मां को शादी में आने का न्योता दिया. इसके बाद डिबरा ने भी ढट न्योता स्वीकार किया और 25 जनवरी को ही गोरखपुर पहुंच गई. इस विवाह समारोह ने इतनी चर्चा बटोर ली है कि आस-पास के गांव के लोग भी इस शादी में आ गए.

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125 साल पुरानी अंगूठी तोहफे में देंगी अमेरिकन मां
डिबरा ने बताया कि फेसबुक पर कृष्ण मोहन ने जब उन्हें अपनी शादी का न्योता दिया, तो वह खुद को रोक नहीं पाईं और अमेरिका से इंडिया आ गईं. वह बेटे कृष्ण मोहन की शादी में शामिल होकर बहुत ही खुश हैं. वह शादी की सभी रस्मों में हिंदुस्तानी परिधान के साथ शरीक हो रही हैं. डिबरा होने वाली बहू को तोहफे में देने के लिए नीलामी में खरीदी हुई 125 साल पुरानी अंगूठी भी लाई हैं.

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