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फैजाबाद का नाम बदला, अब मीट और शराब की बिक्री पर भी लग सकता है बैन

फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या करने के बाद अब पूरे जिले में मीट और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध की मांग उठने लगी है. ऐसे में योगी सरकार इस मामले पर कानूनी राय मशवरा करने में जुटी है.

अयोध्या का प्रतीकात्मक फोटो अयोध्या का प्रतीकात्मक फोटो
कुबूल अहमद/कुमार अभिषेक
  • नई दिल्ली,
  • 12 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 5:03 PM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली से एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया. नाम बदले जाने के बाद अब अयोध्या में सरकार शराब और मीट पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है.

दरअसल अयोध्या में संतों के द्वारा शराब और मीट के प्रतिबंध करने की मांग उठाई जा रही है. संतों की इस मांग पर योगी सरकार ने पूरे अयोध्या जिले में शराब और मीट के प्रतिबंध को लेकर कानूनी राय मांगी है.

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फैज़ाबाद का नाम अयोध्या बदले जाने के बाद अब सरकार मांस और मदिरा को 14 कोसी परिक्रमा तक वर्जित करने पर विचार कर रही है. फैजाबाद नाम रहने तक इसकी सीमा पंचकोसी परिक्रमा तक थी, लेकिन नाम बदले जाने के बाद अब मांस और मदिरा के निषेध का क्षेत्र बढ़ाने की मांग की जा रही है. पंचकोसी से बढ़कर यह 14 कोसी परिक्रमा तक हो सकती है, जिसमें अयोध्या और पुराना फैजाबाद शहर का बड़ा हिस्सा शामिल होगा.

फैजाबाद का नाम अयोध्या किए जाने के बाद साधु संतों की तरफ से पूरे अयोध्या में मांस और मदिरा को प्रतिबंधित करने की मांग उठ रही थी. बता दें की पंचकोसी परिक्रमा यानी कि करीब 5 किलोमीटर के अयोध्या नगर क्षेत्र में मांस और मदिरा पहले से वर्जित है.

हालांकि भगवान राम की नगरी अयोध्या होने के कारण अभी तक अयोध्या शहर में ही शराब और मीट पर प्रतिबंध था. लेकिन अब जब फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया है तो पूर जिले प्रतिबंध लगाने की मांग उठने लगी है.

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प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि अयोध्या के संतों ने मांग की है कि पूरे जिले में शराब और मीट पर प्रतिबंध लगाया जाए. सरकार ने इस मांग को लेकर कानूनी विभाग से राय मांगी है. फैजाबाद जिले का नाम बदल दिया गया है और अब पूरे जिले में इसके प्रतिबंध की मांग रखी गई है.

दरअसल संतों ने जिले में शराब और मीट की बिक्री की प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि अयोध्या में शराब और मीट की ब्रिकी होना भगवान राम का अपमान है.राम जन्मभूमि के पुजारी स्वामी सत्येंद्र दास के नेतृत्व में संतों ने प्रशासन से यह मांग रखी है.

संतों के मुताबिक, मीट और शराब से हिंसा और प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है, जोकि राम की नगरी में ठीक नहीं है, इसलिए इसपर बैन लगना चाहिए.

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