
उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में फर्जी अनामिका शुक्ला का मामला सामने आने के बाद अब सरकारी स्कूलों से लेकर मदरसों तक शिक्षकों के सर्टिफिकेट और मूल प्रमाण पत्रों की जांच शुरू हो गई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दफ्तर की तरफ से आए नए आदेश में अब राज्य सरकार के द्वारा अनुदानित सभी अरबी-फ़ारसी मदरसों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करने के आदेश दे दिए गए हैं.
मुख्यमंत्री दफ्तर की तरफ से 23 जून को निकाले गए आदेश में कहा गया है कि अगले एक हफ्ते में ऐसे सभी मदरसों के शिक्षकों को के प्रमाणपत्रों को जांचने की कार्य योजना बनाकर मुख्यमंत्री को बताया जाए. उत्तर प्रदेश का संक्षेप विभाग बड़े स्तर पर मदरसों के शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को जांचने की तैयारी में जुट गया है.
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उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि मदरसों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां देखी गई हैं. आजमगढ़ और अंबेडकर नगर के कई मदरसे फर्जी पाए गए. कई शिकायतों में की गई जांच में सामने आया है मदरसे के जिन शिक्षकों को वेतन दिए जा रहे थे उनकी डिग्रियां भी फर्जी थी और ऐसे लोगों के खिलाफ जांच करके कार्रवाई भी की गई है. लेकिन अब पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर अभियान की शुरुआत की जा रही है जिसमें मदरसे के फर्जी शिक्षकों को भी जल्द पकड़ा जाएगा.
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बता दें कि हाल में मैनपुरी में फर्जी अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका के पकड़े जाने के बाद पूरे प्रदेश से कई अनामिका शुक्ला सामने आईं जो सालों से फर्जी नाम और फर्जी प्रमाण पत्रों के साथ नौकरी कर रही थीं. गोंडा में असली अनामिका शुक्ला भी सामने आई और उसके बाद प्रदेश के कई जिलों में फर्जी नाम से नौकरी कर रहीं अनामिका शुक्ला पकड़ी गई हैं. सरकार ने सभी सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के मूल प्रमाण पत्रों की जांच तेज कर दी है.