Advertisement

किसानों की 'दूधबंदी' का असर, यूपी-हरियाणा में 17 हजार लीटर कम दूध सप्लाई

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में किसानों ने एक नया आंदोलन छेड़ दिया है. ये आंदोलन है दूध का आंदोलन. यहां लगभग आधा दर्जन किसानों ने सरकार को दूध ना बेचने का फैसला किया है, जिसके बाद इलाके की दूध डेरियां सुनसान हो गई हैं.

किसानों का आंदोलन जारी (फाइल) किसानों का आंदोलन जारी (फाइल)
बी एस आर्य
  • अमरोहा,
  • 03 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST
  • आंदोलन पर किसानों का समर्थन
  • अमरोहा से गाजीपुर भेजा जाएगा दूध

कृषि कानून के मसले पर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन चल रहा है. लेकिन अब उत्तर प्रदेश के अमरोहा में किसानों ने एक नया आंदोलन छेड़ दिया है. ये आंदोलन है दूध का आंदोलन. यहां लगभग आधा दर्जन किसानों ने सरकार को दूध ना बेचने का फैसला किया है, जिसके बाद इलाके की दूध डेरियां सुनसान हो गई हैं.

अमरोहा जिले के रसूलपुर गांवों में किसानों ने डेरी पर दूध देना बंद कर दिया है. इतना ही नहीं, गांव में आने वाली दूध की गाड़ियों पर भी धावा बोला जा रहा है. दूध लेकर आई एक गाड़ी पर 11 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. साथ ही किसानों की ओर से ड्राइवर को बंधक बनाने, गाड़ी के टायर पंचर करने की धमकी दी जा रही है.

इसके अलावा ऐसी ही एक तस्वीर शहजादपुर गांव से सामने आई है, जहां पर किसानों ने डेरी पर दूध देना बंद कर दिया है. साथ ही अन्य लोगों से भी ऐसा ही करने की अपील की जा रही है. 

दरअसल, किसानों का दावा है कि वो सभी गांव से दूध और उससे जुड़ा सामान इकट्ठा करके गाजीपुर बॉर्डर पर भिजवाएंगे, जहां पर किसानों के द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को अब अलग-अलग गांवों के किसान इसी तरह समर्थन कर रहे हैं.

हरियाणा के जींद में भी दिख रहा है असर
उत्तर प्रदेश से अलग हरियाणा में भी किसान आंदोलन का असर अब दूध के काम पर पड़ने लगा है. जींद, हिसार और फतेहाबाद इलाके में किसानों के द्वारा मिल्क प्लांट को दूध दिया जाता है. लेकिन अब कृषि कानून के मसले को लेकर किसानों ने यहां पर भी कड़ा रुख अपनाया है. 

किसानों की ओर से दूध 100 रुपये प्रति लीटर बेचने का ऐलान किया गया है. इतना ही नहीं किसानों ने करीब चार गांवों से दूध सप्लाई नहीं की, जिसके बाद मिल्क प्लांट में करीब 17 हजार लीटर दूध कम ही आ पाया. किसान दूध 100 रुपये प्रति लीटर बेचने की जिद पर अड़े हैं, जबकि सोसाइटी का कहनी है कि वो 62 रुपये तक का दाम दे सकते हैं.

वहीं, मिल्क प्लांट की ओर से कहा गया है कि उनके दूध के पाउडर की सप्लाई सरकारी स्कूल, आंगनवाड़ी में होती है. अभी उनके पास पाउडर का स्टॉक है, ऐसे में किसानों द्वारा तुरंत दूध रोके जाने  का अधिक असर नहीं होगा.

गौरतलब है कि पिछले करीब तीन महीनों से दिल्ली की सीमाओ पर किसानों का आंदोलन जारी है. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के मसले पर किसान आंदोलन कर रहे हैं, अब देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान अपने-अपने तरीकों से इन्हें समर्थन कर रहे हैं. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement