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कोरोना काल के दौरान पूरे देश ने इलाज करने वाले डॉक्टर और कर्मचारियों को कलियुग के भगवान की तरह सम्मान दिया था. लेकिन इसी दौर में कुछ हॉस्पिटल और डॉक्टर ऐसे भी हैं जिन्होंने इस महामारी को भी अपना बिजनेस बना लिया है. कानपुर (Kanpur) में एक ऐसा ही मामला देखने को मिला जहां कोरोना पेशेंट की मौत (Death Of Corona Patient) के बाद खून का सैंपल लेने, इलाज में लापरवाही बरतने और धोखाधड़ी समेत अन्य आरोप लगाकर एक महिला ने रामा मेडिकल कॉलेज के एमडी समेत 13 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है.
मृतक की पत्नी के अनुसार अस्पताल प्रबंधन से मिले कागजों में पति की मौत 25 अप्रैल सुबह नौ बजे दिखाई गई है. वहीं, दूसरे डॉक्यूमेंट्स से पता चला कि अस्पताल के स्टाफ ने सुबह 11:30 बजे उनके खून का सैंपल लिया था. मृतक की पत्नी की शिकायत पर कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
आनंद बाग निवासी गीता तिवारी ने बताया कि 22 अप्रैल को उसके पति आनंद शंकर तिवारी को कोविड की पुष्टि हुई थी. उस समय उनका ऑक्सीजन लेवल 91 था. देर रात उन्हें रामा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. दूसरे दिन तक वीडियो कॉल से उनसे बातचीत होती रही. गीता ने बताया कि आनंद ने वीडियो कॉल में अस्पताल के अंदर की अव्यवस्था और डॉक्टर द्वारा उनकी सोने की चेन ले लेने के बारे में बताया था, जिसके बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने उनका मोबाइल जब्त कर लिया.
13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
24 अप्रैल को मेडिकल बुलेटिन में अस्पताल प्रशासन ने आनंद की तबीयत में सुधार होने की जानकारी दी गई. इसके बाद 25 अप्रैल को उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. पीड़िता के अनुसार जब उन्होंने बिल देखे तो पता चला कि आनंद की मौत के दूसरे दिन ब्लड सैंपल लिया गया है और उसका भी बिल बनाया गया है. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के बारे में सीएमएस से लेकर पुलिस अधिकारियों तक को अवगत कराया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. तब जाकर उन्होंने कोर्ट जाने की सोची. इसके बाद अस्पताल के एमडी, डायरेक्टर, यूनिट हेड, आईसीयू प्रमुख डॉ. आशीष, सीएमएस, पैथोलॉजिस्ट समेत 13 लोगों के खिलाफ लापरवाही, धोखाधड़ी, गैर इरादतन हत्या, आपदा प्रबंधन अधिनियम, इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की गई है.