
भारी बारिश के बाद नेपाल द्वारा बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने से यूपी-बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. कई जिलों में प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है. यूपी के महराजगंज में पिछले 3 दिन से मॉनसूनी बारिश ने जिले में बाढ़ का कहर दिखाना शुरू कर दिया है. इसी बीच नेपाल ने बुधवार को बड़ी गंडक नदी में 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज कर दिया, इसकी वजह से बाल्मिकीनगर में सिंचाई के लिए गंडक नदी पर बनाए गए बैराज के सभी 36 फाटक खोलने पड़े.
गंडक नदी तेजी के साथ खतरे के निशान की तरफ बढ़ रही है. इससे देख सिंचाई विभाग के बाढ़ खंड को हाई अलर्ट कर दिया गया है. नेपाल से निकली रोहिन नदी भी बुधवार को खतरे के निशान को पार कर गई. चंदन नदी, प्यास नदी व पहाड़ी नाला महाव भी डेंजर लेबल के ऊपर बह रहा है. महाव व झरही नदी में आए पानी के सैलाब ने 4-4 स्थानों पर तटबंध को तोड़ दिया है. इससे भारतीय सीमावर्ती क्षेत्र ठूठीबारी व बरगदवा क्षेत्र के कई गांव में पानी घुस गया है. खैरहवा गांव का सम्पर्क-मार्ग बाढ़ की वजह से कट गया है.
खतरे निशान को पार चुकी हैं ये नदियां
तिब्बत के धौलागिरि से निकली गंडक नदी नेपाल के त्रिवेणी से भारतीय सीमा यूपी के महराजगंज में प्रवेश करने के बाद बिहार चली जाती है. इस नदी में खतरे का निशान 365.30 फीट पर है. बुधवार को बड़ी गंडक का जलस्तर 360.60 फीट पर रिकार्ड किया गया. राप्ती नदी भी खतरे के निशान से महज दो मीटर नीचे है. बुधवार को बेलसड़-रिगौली बांध पर राप्ती नदी में 78.30 मीटर पानी का गेज था. इसका खतरे का तल 80.30 मीटर है.
रोहिन नदी त्रिमुहानी घाट पर खतरे के निशान से आठ सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी. इसका खतरे का तल 82.44 मीटर है. जबकि बुधवार को रोहिन नदी में 82.52 मीटर पानी रिकॉर्ड किया गया. चंदन नदी भी खतरे के निशान से 45 सेमी ऊपर बह रही है. इसका खतरे का तल 101.05 मीटर है. इसके सापेक्ष बुधवार को इसमें 101.50 मीटर पानी रिकार्ड किया गया. प्यास नदी भी खतरे के निशान को पार गई और 102.75 मीटर पर बह रही थी.
महाव का तटबंध चार जगह टूटा, टापू बना खैरहवा दूबे गांव
पहाड़ी नाला महाव का डेंजर लेबल महज 5 फीट है. इस नाले में तीन पहाड़ी नदियों का पानी आकर मिलता है. इस वजह से यह हर साल मानसून के पहले ही तबाही की इबारत लिख देता है. मंगलवार को महाव में 9 फीट पानी के आने से खैरहवा दुबे, विशुनपुरा, अमहवा के पास 4 जगह टूट गया. इससे खैरहवा दुबे का सम्पर्क मार्ग कट गया, जिसके बाद गांव टापू बन गया. बुधवार को डीएम उज्ज्वल कुमार ने महाव नाला के तबाही के मंजर को देखा और सिंचाई विभाग को बाढ़ से बचाव के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
जिलाधिकारी ने बताया कि बड़ी गडक में भी पानी बढ़ा है लेकिन पानी का अभी दबाव किसी बांध पर नहीं है. जल स्तर की निगरानी की जा रही है. उन्होंने बताया कि जनपद के सभी बांध की निगरानी के लिए सम्बन्धित अधिकारी व एसडीएम भी नजर जमाए हैं. निरीक्षण कर स्थिति से अवगत भी करा रहे हैं. स्थिति अभी नियंत्रण में है. हालात पर नजर रखी जा रही है.
झरही नदी ने मचाई तबाही
नेपाल की झरही नदी का नाम भारतीय सीमा में प्रवेश करते ही चंदन नदी हो जाता है. बुधवार को यह नदी खतरे के लाल निशान को पार कर गई. इससे ठूठीबारी क्षेत्र के राजाबारी, पजरफोरवा, दोमुहान गांव के समीप इसका बांध 4 स्थान पर टूट गया. इससे पूरा क्षेत्र बाढ़ के सैलाब में डूब गया है. भौरहिया नदी के उफनाने से सरहदी पुलिस चौकी लक्ष्मीपुर खुर्द में 5 फीट पानी भर गया है. चौकी इंचार्ज के सभी पुलिस कर्मी अभिलेख व असलहों के साथ दूसरे जगह शरण लिए हैं.
चार जगह टूटा झरही नदी का तटबंध
नेपाल के पहाड़ों पर हो रहे बारिश का असर सीमावर्ती नदियों में दिखाई दे रहा है. जिससे झरही उर्फ प्यास नदी में पानी के तेज दबाव से 4 जगह तटबंध टूट गया. इसकी वजह से नौतनवां क्षेत्र के राजाबारी गांव, पजरफोरवां गांव, नदी के पूर्वी तटबंध विजयीनंदन के खेत के सामने, दोमुहान गांव में तटबंध टूट गया जिससे पास के गांवों में पानी घुस गया और ग्रामीणों की समस्या बढ़ गई.
तत्काल बांध के मरम्मत का निर्देश दिया. जिलाधिकारी ने बताया कि बड़ी गडक में भी पानी बढ़ा है लेकिन पानी का अभी दबाव किसी बांध पर नहीं है. जल स्तर की निगरानी की जा रही है. उन्होंने बताया कि जनपद के सभी बांध की निगरानी के लिए सम्बन्धित अधिकारी व एसडीएम भी नजर जमाए हैं. निरीक्षण कर स्थिति से अवगत भी करा रहे हैं. स्थिति अभी नियंत्रण में है. हालात पर नजर रखी जा रही है.