
गौरव चंदेल हत्याकांड को लेकर आज फिर आईजी मेरठ आलोक कुमार मृतक गौरव चंदेल के घर पहुंचे. जहां उन्होंने मृतक की पत्नी प्रीति चंदेल से मुलाकात की. साथ ही उन्हें आर्थिक सहायता के तौर पर 20 लाख रुपए का चेक भी दिया.
वहीं पीड़ित परिवार ने घर में एक शख्स की नौकरी के साथ बेटे की फ्री पढ़ाई की मांग की. जिसको लेकर उन्होंने कहा कि ये मांग उन्होंने सरकार तक पहुंचाई है. साथ ही मृतक गौरव चंदेल की पत्नी ने सीएम से मुलाकात करने की गुहार लगाई है.
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ग्रेटर नोएडा में एक निजी कंपनी में अधिकारी गौरव चंदेल की हत्या के पांच दिन बाद रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर इस मामले में सुस्त रवैया अपनाने का आरोप लगाया और उसपर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर हमला किया था. प्रियंका गांधी ने कहा था कि पुलिस के पास अपराधियों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है.
प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल
प्रियंका गांधी एक साथ कई ट्वीट्स कर कहा कि मृतक गौरव (39) के परिजनों को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि 'अगर नोएडा जैसे क्षेत्र में अपराधी इतने सक्रिय हैं तो उप्र के अन्य क्षेत्रों की स्थिति क्या होगी.'
ग्रेटर नोएडा वेस्ट निवासी और एक निजी कंपनी में क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव चंदेल की सात जनवरी को उनके घर के पास ही लूट के बाद हत्या कर दी गई थी. शक है कि हत्यारे कारजेकर्स गिरोह के सदस्य थे, जिन्होंने पुलिस के वेश में सोमवार रात परथला चौक के पास गौरव को रोका हो. गौरव गुरुग्राम के उद्योग विहार स्थित अपने ऑफिस से गौर सिटी स्थित घर लौट रहे थे. प्रियंका ने कहा, "डकैती के बाद हत्या के मामले में सरकार की कार्रवाई सुस्त है." प्रियंका रविवार को पीड़ित परिवार के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात कर सकती हैं.
क्या है पूरा मामला?
गौरव चंदेल ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित गौर सिटी में रहते थे. सात जनवरी, 2020 की रात घर से चंद फर्लांग की दूरी पर लूट के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी. परिवार वाले जब थाने और इलाके में मौजूद पुलिस चौकियों पर पहुंचे तो नींद के मारे पुलिस वालों ने उन्हें वहां से भगा दिया था.
पुलिसकर्मियों ने कहा था कि दिन निकलने पर अगले दिन आना तब गौरव को तलाश लेंगे. जबकि गौरव की लाश परिवार वालों ने उसी रात (मंगलवार तड़के चार बजे) इलाके में तलाश ली थी.
मामले में पुलिस वालों द्वारा बरती गई लापरवाही की जांच के आदेश तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने भी दिए थे. वह जांच पूरी हो पाती और दोषी व निठल्ले बिसरख कोतवाल और उनके मातहत दारोगा चौकी इंचार्ज नप पाते, उससे पहले यूपी सरकार ने वैभव कृष्ण को ही सस्पेंड कर दिया.
(मेरठ से भूपेंद्र की रिपोर्ट, IANS इनपुट के साथ)