
ग़ाज़ियाबाद में निकाय चुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार का शुक्रवार को आख़िरी दिन था. 26 नवम्बर को वोट डाले जाने हैं, ऐसे में शुक्रवार को हर राजनीतिक पार्टी ने जमकर प्रचार-प्रसार किया.
ग़ाज़ियाबाद एक ऐसा शहर है जो वाक़ई उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली-एनसीआर के लिए मायने रखता है. ऊंची-ऊंची इमारतें ग़ाज़ियाबाद की पहचान बन चुकी हैं. पिछले 20 सालों में काफ़ी कुछ बदल भी गया है ग़ाज़ियाबाद में. यहां के अगर निगम की बात की जाए तो पिछले 20 साल से यहां बीजेपी ही सत्ता में बनी हुई है. वहीं ग़ाज़ियाबाद में 100 वार्ड की सीटों पर चुनाव हो रहें है. ग़ाज़ियाबाद में सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण और गन्दगी की नज़र आती है. लोगों का कहना है कि यहां प्रदूषण बहुत है, विकास तो हुआ मगर उतना ही शहर गंदा भी हुआ.
20 साल से बीजेपी का मेयर
ग़ाज़ियाबाद निगम में पिछले 20 साल से बीजेपी की सरकार है. भले ही 20 साल से ग़ाज़ियाबाद में भाजपा का मेयर हो, मगर उत्तर प्रदेश में पिछले 20 सालों में बहुजन समाजवादी पार्टी से लेकर समाजवादी पार्टी तक सत्ता में रही है, लिहाज़ा भाजपा अपनी सफ़ाई में कहती है कि सरकार हमारी अब आई है, विकास अब होगा. देखिए कैसे बीएसपी और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर आरोप भी लगाए. भाजपा कार्यकर्ता कहते हैं कि दूसरी पार्टियों के कारण विकास नहीं हुआ. वही बीएसपी कहती है कि बीजेपी ने विकास नहीं किया.
आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में
ग़ाज़ियाबाद में इस बार एक और पार्टी भी चुनाव लड़ रही है, जो ईवीएम मशीनों से काफ़ी परेशान है. जी हां, हम बात कर रहें है आम आदमी पार्टी की, भले ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी निगम का चुनाव हार गयी हो, मगर ग़ाज़ियाबाद में ज़ोर-शोर के साथ प्रचार-प्रसार कर रही है.
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल को यहां प्रचार-प्रसार करने की ज़रूरत नहीं, वो ऐसे ही चुनाव जीत जाएंगे, मगर यहां निर्दलीय उम्मीदवार भी प्रचार-प्रसार में पीछे नहीं. उनका मानना है कि किसी पार्टी ने कोई काम नहीं किया, इसलिए हम ख़ुद अब चुनाव जीत कर अपने इलाक़े में काम करेंगे.
कुल मिलाकर आज आख़िरी दिन था ग़ाज़ियाबाद में चुनाव प्रचार- प्रसार का. लिहाज़ा चुनाव को देखते हुए पुलिस ने भी शुक्रवार को फ़्लैग मार्च निकाला. शुक्रवार रात से प्रचार-प्रसार थम जाएगा, अब देखना होगा कि ग़ाज़ियाबाद में किसकी जीत होती है.