
अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं और किसी दुकान से आपको 100 से लेकर 2000 रुपये तक का नोट दिया गया है तो सावधान हो जाएं. वह नोट नकली भी हो सकता है. गाजियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police) ने ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो प्रिंटर के जरिए नकली नोट छापता था और बाद में इसे दुकानों पर सप्लाई करता था. शुक्रवार को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 7 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जो नकली नोट को छापने के गोरखधंधे में शामिल थे.
यह गैंग प्रिंटर के जरिए 100, 200, 500 और 2000 रुपये के नकली नोट छापता था. यह लोग असली हजार रुपए के बदले में तिगुना जाली पैसा अपने वेंडर्स को दिया करते थे. ये वेंडर्स दिल्ली-एनसीआर के वो दुकानदार हैं, जहां से आम लोग घर का राशन और रोजाना की जरूरत का सामान खरदीते हैं.
एक पुलिस अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस गैंग को काम करते हुए 8 महीने हो गए थे और यह अब तक 17 लाख रुपये के जाली नोट यह छाप चुका था. इनका काम बिल्कुल कॉरपोरेट स्टाइल में होता था. गैंग के कुछ लोग पहले नोटों को छापने का काम करते थे, फिर कुछ लोग उसमें सिक्योरिटी मेजर लगाने का काम करते थे. आखिर में नोटों की सप्लाई की जाती थी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें इन लोगों के पास से 6 लाख 59 हजार के नकली नोट बरामद किए हैं. जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें इस गैंग का सरगना आजाद और उसके साथी आलम, रहबर, फुरकान, अब्बासी, यूनुस, सोनी और अमन शामिल है.
नकली नोट को छापने वाले गैंग का भंडाफोड़ करने के बाद पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं इन लोगों के तार विदेशी संगठन से तो नहीं जुड़े हुए हैं.