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गाजियाबादः बुजुर्ग की पिटाई मामले में आरोपी उम्मेद पहलवान को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, एफआईआर दर्ज होने के बाद खुद को फंसता देख उम्मेद पहलवान बुजुर्ग अब्दुल समद से एफिडेविट तैयार करने वाला था. अब्दुल समद से आरोपी उम्मेद एफिडेविट में लिखवाना चाहता था कि 'जय श्री राम' न कहने पर ही उसे पीटा गया और दाढ़ी काटी गई.

उम्मेद पहलवान उम्मेद पहलवान
अरविंद ओझा/मयंक गौड़/सुशांत मेहरा
  • गाजियाबाद ,
  • 20 जून 2021,
  • अपडेटेड 5:40 PM IST
  • उम्मेद बुजुर्ग अब्दुल समद से एफिडेविट लिखवाना चाहता था
  • उम्मेद को कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेजा
  • उम्मेद ने बुजुर्ग की पिटाई के मामले में FB लाइव किया था

गाजियाबाद बुजुर्ग की पिटाई के मामले में आरोपी उम्मेद पहलवान को गाज़ियाबाद कोर्ट ने 14 दिन की नायिका हिरासत में भेज दिया है. उम्मेद को डासना जेल भेजा गया है. इससे पहले गाजियाबाद में बुजुर्ग अब्दुल समद की पिटाई मामले में पुलिस की जांच में अहम खुलासा हुआ है. 

गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, एफआईआर दर्ज होने के बाद खुद को फंसता देख उम्मेद पहलवान बुजुर्ग अब्दुल समद से एफिडेविट तैयार करने वाला था. अब्दुल समद से आरोपी उम्मेद एफिडेविट में लिखवाना चाहता था कि 'जय श्री राम' न कहने पर ही उसे पीटा गया और दाढ़ी काटी गई.

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गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक उम्मेद बुजुर्ग से ऐसा एफिडेविट इसलिए लिखवाना चाहता था ताकि जांच के दौरान ये साबित हो जाए कि बुजुर्ग ने ही उम्मेद से 'जय श्री राम' वाले विवाद की बात कही और फिर उसने फेसबुक लाइव किया इस तरह उम्मेद खुद को आगे तफ्तीश में बचा ले जाए. 

गाजियाबाद के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि पहले तो उम्मेद ने गुमराह किया. लेकिन सब सिलसिलेवार तरीके से पूछताछ हुई तो उम्मेद ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उम्मेद ने अपने घर में रिपोर्ट लिखी, वो आरोपियों को जानता था, उसके बावजूद अज्ञात में रिपोर्ट लिखवाई गई. वहीं पुलिस की पूछताछ में उम्मेद ने एक अन्य शख्स की जानकारी इस षड्यंत्र में बताई है. 

पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद उम्मेद के खिलाफ कुछ धाराएं एफआईआर में और बढाई हैं. पुलिस के अनुसार राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते उम्मेद ने यह सारा मामला रचा था. 

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आपको बता दें कि गाजियाबाद में बुजुर्ग से मारपीट और दाढ़ी काटने के मामले में सभी 11 आरोपी अरेस्‍ट किए जा चुके हैं. बताया गया कि इस घटना को लेकर उम्मेद ने ही सबसे पहले अब्दुल समद के मामले को सांप्रदायिक रंग देते हुए फेसबुक लाइव किया था. इसके बाद यह मामला दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया. 

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