
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सरकारी 'लोगो' (LOGO) के दुरुपयोग को रोकने के लिए नया कानून बनाने जा रही है. इस कानून के मुताबिक अब सरकारी लोगो के गलत इस्तेमाल पर सजा का भी प्रावधान होगा. काफी संख्या में लोग अपने निजी फायदे के लिए सरकारी लोगो का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे थे.
नए कानून के मुताबिक सरकारी लोगो के गलत इस्तेमाल के मामले में दोषी पाए जाने पर दो वर्ष की सजा और 5 हजार रुपये जुर्माना भी हो सकता है. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में उत्तर प्रदेश का राज्य संप्रतीक (अनुचित प्रयोग प्रतिषेध) विधेयक पेश किया गया.
इस विधेयक के अनुसार राज्य सरकार का प्रतीक चिह्न, लेटर पैड, विजिटिंग कार्ड आदि का प्रयोग किया जाना सरकार की गरिमा और अधिकार का विषय है. लेकिन प्रदेश में इससे संबंधित किसी तरह का कानून न होने की वजह से अभी तक प्रतीक चिह्न का अनधिकृत प्रयोग दंडनीय अपराध की श्रेणी में नहीं आता था.
इस बारे में केंद्र सरकार ने पहले से ही नियम बना रखा है जिसमें राज्य के सरकारी प्रतीक चिन्ह के अनधिकृत प्रयोग को दंडनीय अपराध घोषित किया गया है.
अब केंद्र सरकार की तरह राज्य के संप्रतीक चिह्न के प्रयोग को विनियमित करने व उसके अनधिकृत प्रयोग को दंडनीय अपराध घोषित करने के लिए यूपी सरकार ने विधेयक लाया है. विधानमंडल से मंजूरी मिलने के बाद सरकार के प्रतीक चिह्न का दुरुपयोग दंडनीय अपराध की श्रेणी में आ जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि इसी मॉनसून सत्र में इस पर कानून बन जाएगा.