
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में फ्लैट खरीदने वालों को घर दिलाने से संबंधित अहम फैसला लिया है. प्राधिकरण ने बिल्डर परियोजनाओं को पूरा करने, फ्लैट खरीदने वालों को राहत देने के लिए शासन के निर्देश पर अधूरे प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए बिना जुर्माने के जून 2021 तक की समय सीमा तय किया था. 39 बिल्डरों ने इसका लाभ लिया लेकिन कोरोना के चलते ऐसे प्रोजेक्ट पूरे नहीं हो सके. फ्लैट खरीदने वालों को उनका आशियाना दिलाने के मकसद से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने बिना जुर्माने के इन प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य पूरा करने की अवधि अब 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दी है.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने आईआईटीजीएनएल की महत्वपूर्ण परियोजना मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक हब विकसित करने की योजना तैयार की है. इसका विकास बोड़ाकी के आसपास के सात गांवों की 478 हेक्टेयर जमीन पर भारत सरकार के सहयोग से किया जाएगा. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने शनिवार को परियोजना रिपोर्ट शासन को भेज दी है.
मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के तहत तीन अहम परियोजनाएं, बोड़ाकी के पास रेलवे टर्मिनल, अंतरराज्यीय और लोकल बस अड्डा, मेट्रो कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी. पहली परियोजना, बोड़ाकी के पास रेलवे टर्मिनल के निर्माण की रेल मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. अगले पांच साल में इसके बन जाने के बाद पूरब की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें यहीं से चलेंगी. ग्रेटर नोएडा और उसके आसपास रहने वालों को पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि जगह के लिए ट्रेन यहीं से मिल सकेगी. उन्हें दिल्ली, नई दिल्ली और आनंद विहार रेलवे स्टेशन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
दूसरी परियोजना अंतरराज्यीय और लोकल बस अड्डा के निर्माण की है. इसके बन जाने से उद्योग में काम करने वालों को दूरदराज के साथ ही लोकल बसें भी मिल सकेंगी. तीसरी परियोजना, नोएडा-ग्रेटर नोएडा को जोड़ते हुए डिपो स्टेशन से मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक मेट्रो स्टेशन की है. मौजूदा डिपो स्टेशन से मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक करीब तीन किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन भी बनेगी. वहीं, लॉजिस्टिक हब से माल ढुलाई की राह आसान हो जाएगी. नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है.
अभी मुंबई, गुजरात आदि जगह जाने में चार से पांच दिन का समय लगता है. इसके शुरू हो जाने के बाद माल करीब 36 घंटे में एक से दूसरी जगह पहुंच सकेगा. दादरी के पास से गुजर रहा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इससे जुड़ेगा. इसके अलावा लॉजिस्टिक हब में वेयर हाउस भी बनेंगे. ग्रेटर नोएडा शहर का तेजी से औद्योगिक नगरी के रूप में विस्तार हो रहा है. नई औद्योगिक इकाइयां निरंतर लग रही हैं. ग्रेटर नोएडा डेटा सेंटर हब के रूप में भी विकसित हो रहा है. आवासीय और संस्थागत सेक्टर भी विकसित हो रहे हैं. इससे ग्रेटर नोएडा एरिया में ऊर्जा की खपत भी बढ़ रही है. बिजली की भविष्य की मांग को ध्यान में रखते हुए 06 नए बिजलीघर बनाने की भी बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. ये सभी बिजलीघर गैस इंसुलेटेड सिस्टम पर आधारित होंगे.
विकसित हो रहे 8 नए सेक्टर
ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में औद्योगिक निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आठ नए औद्योगिक सेक्टर विकसित कर रहा है. ये सेक्टर ईकोटेक 7, 8, 9, 12 ए, 16, 19, 19 ए और 21 होंगे. इन आठ सेक्टर के लिए करीब 899 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है. ये जमीन पौव्वारी, इमिलियाका, अटाई मुरादपुर, लुक्सर, दादूपुर, लड़पुरा, खानपुर, सिरसा, वैदपुरा, जौन समाना, सुनपुरा, भोला रावल, धूम मानिकपुर, खेड़ी, भनौता, खोदना कला, कैलाशपुर उर्फ किराचपुर, खोना खुर्द और आमका की है. करीब 450 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण प्राधिकरण ने कर भी लिया है. बाकी जमीन का भी शीघ्र अधिग्रहण करने के लिए प्राधिकरण ने कार्यालय में किसान सुविधा केंद्र की स्थापना की है.
साल के अंत तक पूरी होगी गंगा जल परियोजना
ग्रेटर नोएडा के निवासियों को इस साल के अंत तक गंगा जल मिल जाएगा. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में शनिवार को 85 क्यूसेक गंगा जल से संबंधित परियोजना की समीक्षा की गई और अगले तीन महीने में परियोजना पूरी कर बोर्ड को अवगत कराने के निर्देश दिए. ग्रेटर नोएडा में 85 क्यूसेक गंगा जल की परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है. इसकी लागत करीब 800 करोड़ रुपये है. अपर गंगा कैनाल से गंगा जल आएगा. देहरा में यह पानी शोधित होगा. वहां पर 210 एमएलडी का जल शोधन यंत्र लगाया गया है.यह प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी गंगा जल परियोजना है. इससे ग्रेटर नोएडा ईस्ट और ग्रेनो वेस्ट के लाखों लोग लाभान्वित होंगे.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बीपीओ/ कॉल सेंटर के आवंटियों की सुविधा के लिए लीज डीड कराने की समय सीमा 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने का भी निर्णय लिया. साथ ही पर्यटन के लिहाज से ग्रेटर नोएडा स्थित सूरजपुर वेटलैंड के आरक्षित वन्य क्षेत्र को विकसित करने और तीन फुट ओवरब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया है. ये तीनों फुट ओवरब्रिज बीओटी (बिल्ड ऑपरेट एंड ट्रांसफर) के आधार पर बनेंगे.