
वाराणसी के चर्चित श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मामले में जिला जज की अदालत में सुनवाई के दौरान केस दिलचस्प मोड़ पर आ पहुंचा है. जहां एक ओर चार याची महिलाओं की तरफ से वकील कमीशन की कार्रवाई के दौरान कथित तौर पर मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग से बैकफुट पर होते दिखाई पड़े तो वहीं पहले से ही कार्बन डेटिंग के खिलाफ हिंदू पक्ष की तरफ से वादिनी राखी सिंह के वकील और मुस्लिम पक्ष भी एक साथ इस बात पर सहमत नजर आए. अब 7 अक्टूबर को अगली सुनवाई पर कोर्ट कार्बन डेटिंग को लेकर निर्णय लेगी.
दरअसल, पिछली तारीख पर जिला जज अजय कृष्ण की विशेष अदालत में हिंदू पक्ष की तरफ से वादी संख्या 2 से लेकर 5 ने कमीशन की कार्यवाही के दौरान मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. वहीं इस बार कोर्ट में उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से केवल कार्बन डेटिंग की मांग नहीं की गई थी, बल्कि शिवलिंग के परीक्षण के लिए कार्बन डेटिंग के अलावा अन्य तरीकों की भी मांग की गई थी.
महिला वादियों की तरफ से पेश हुए वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि उनकी एकदम मंशा नहीं है कि शिवलिंग के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ हो या शिवलिंग को डैमेज किया जाए. साइंटिफिक माध्यम से शिवलिंग की जांच हो और रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट हो कि शिवलिंग कितना पुराना है?. उन्होंने सफाई दी कि उन्होंने अपने प्रार्थना पत्र में पहले ही लिखा है कार्बन डेटिंग और अदरवाइज. समाज में यह भ्रम फैलाया गया है कि हमने गलत मांग की है. ASI जहां कार्बन डेटिंग की जरूरत समझेगा, कार्बन डेटिंग करेगा या अन्य तरीके से जांच करेगा. कार्बन डेटिंग शिवलिंग की नहीं मांगी गई है.
'कार्बन डेटिंग की जरूरत नहीं'
वहीं दूसरी ओर हिंदू पक्ष श्रृंगार गौरी की तरफ से ही वादी संख्या एक राखी सिंह के वकील मान बहादुर सिंह और प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से वकील तौहिद खान शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग के खिलाफ एक मत नजर आए. राखी सिंह के वकील मान बहादुर सिंह ने बताया कि अगर कार्बन डेटिंग सहित अन्य कोई साइंटिफिक तरीका परीक्षण के लिए अपनाया जाता है तो उसके तहत शिवलिंग से पार्टिकल लिया जाएगा. जिससे शिवलिंग डैमेज हो जाएगा. जिसके चलते विखंडित हो जाने पर उसकी पूजा अमंगलकारी होगी. इसलिए कार्बन डेटिंग नहीं करानी चाहिए.
शिवलिंग को छति पहुंचाए बिना जांच हो
उन्होंने मांग की कि बगैर शिवलिंग को क्षति पहुंचाए जांच हो. उससे उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. वहीं वादी संख्या 1 राकेश सिंह के पैरोकार संतोष सिंह ने भी बताया कि हिंदू पक्ष की ओर से कहीं पर भी केस कमजोर नहीं पड़ रहा है. सिर्फ कुछ वकील मुकदमे के मालिक बन गए हैं और फैसला करना चाहते हैं जो कि संभव नहीं है. हिंदू समाज कभी भी यह बर्दाश्त नहीं करेगा कि शिवलिंग को क्षति पहुंचे. केस की डिमांड सिर्फ यही है कि श्रृंगार गौरी में दर्शन पूजन की अनुमति मिले.
मुस्लिम कमेटी के वकील भी सहमत
वकील विष्णु शंकर जैन के कार्बन डेटिंग की मांग पर बैकफुट पर जाने के सवाल पर वकील संतोष सिंह ने कहा कि आज उनको समझ में आ रहा है कि हिंदू जनमानस उनका विरोध कर देगा. वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकील तौहिद खान ने बताया कि मसाजिद कमेटी की तरफ से भी लिखित तौर पर कार्बन डेटिंग के खिलाफ आपत्ति कोर्ट में दर्ज करा दी गई है. राखी सिंह के वकील मान बहादुर सिंह के वकील से पूरी तरह से सहमत भी हूं. बिल्कुल ही कार्बन डेटिंग की आवश्यकता नहीं है और यह होनी भी नहीं चाहिए. क्योंकि इसके पीछे धार्मिक भावना है.