Advertisement

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस: '1991 का पूजा कानून नहीं होगा लागू', हिंदू पक्ष के हक में फैसला, आदेश की 10 बड़ी बातें

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में सोमवार को वाराणसी जिला कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाया. कोर्ट ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी विवाद को सुनने योग्य माना है. अब इसपर 22 सितंबर को सुनवाई होगी.

ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी विवाद को जिला कोर्ट ने सुनने योग्य माना (फाइल फोटो) ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी विवाद को जिला कोर्ट ने सुनने योग्य माना (फाइल फोटो)
नलिनी शर्मा
  • वाराणसी,
  • 12 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:48 PM IST

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में वाराणसी की जिला अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. जिजा जज एके विश्वेश ने अपना फैसला हिंदू पक्ष के हक में सुनाया है. कोर्ट ने माना कि हिंदू पक्ष की याचिका सुनने के लायक है. वहीं अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसकी दलील थी कि ज्ञानवापी पर 1991 का वर्शिप एक्ट लागू होता है. यानी ज्ञानवापी के स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया है.

Advertisement

अब मामले में हिंदू पक्ष की याचिका पर आगे सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है. 22 सितंबर को अगली सुनवाई होगी. और अब उस सर्वे और वीडियोग्राफी पर भी सुनवाई होगी जिसमें हिंदू पक्ष ने शिवलिंग मिलने का दावा किया था जिसे मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है.

Gyanvapi Masjid Case में कोर्ट के ऑर्डर की बड़ी बातें

  1. कोर्ट ने माना कि ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सुनवाई योग्य है. कोर्ट का यह फैसला हिंदू पार्टी के पक्ष में है. अब इसपर 22 सितंबर से सुनवाई होगी.
  2. जिला अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया. इसमें दलील थी कि ज्ञानवापी पर 1991 का वर्शिप एक्ट लागू होता है. यानी ज्ञानवापी के स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया है. 1991, वर्शिप एक्ट के मुताबिक, 15 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता. साथ ही कहा गया है कि अगर कोई इस एक्ट का उल्लंघन करने की कोशिश करेगा तो उसपर जुर्माना लगाया जा सकता है, साथ ही तीन साल की जेल भी हो सकती है.
  3. कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि मामला यूपी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर एक्ट, 1983 के अंतर्गत आता है और इसपर सुनवाई नहीं हो सकती.
  4. वाराणसी जिला अदालत ने कहा इस मामले पर सुनवाई पूजा स्थल अधिनियम, 1991, वक्फ अधिनियम, 1995 और उत्तर प्रदेश श्री काशी विश्वनाथ मंदिर अधिनियम, 1983 में से किसी के भी द्वारा वर्जित नहीं है.
  5. कोर्ट ने कहा क्योंकि मुस्लिम पक्ष अपने दावे को सही साबित करने में विफल रहा है इसलिए उसे खारिज किया जाता है. कोर्ट ने कहा कि बचाव पक्ष (मुस्लिम पक्ष) पोषणीयता के मामले पर अपना पक्ष रखने में विफल रहा है.
  6. वाराणसी कोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष की तरफ से दायर याचिका में पूजा का अधिकार मांगा गया है, जो कि मेरिट (गुण-दोष) के आधार पर सुनवाई योग्य है.
  7. वाराणसी कोर्ट ने अब सभी पार्टियों को 22 सितंबर तक लिखित में अपने जवाब दाखिल करने को कहा है. इस मामले पर 22 सितंबर से ही आगे की सुनवाई भी शुरू होगी.
  8. मामले में कुछ और लोग भी पार्टी बनना चाहते हैं. इन याचिकाओं पर कोर्ट 22 सितंबर को ही सुनवाई करेगा.
  9. जिला कोर्ट के फैसले के बाद अब मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील करेगा.
  10. इस मामले पर जिला जज अजय कृष्ण ने 24 अगस्त को आदेश सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 23 मई से जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही है. नागरिक प्रक्रिया संहिता सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत ये केस सुनने योग्य है या नहीं, इसी पर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी.


फैसले के बाद ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट ने हमारी बहस को मान लिया है. मुस्लिम पक्ष के आवेदन को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि याचिका सुनवाई योग्य है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी. वहीं ज्ञानवापी मामले में याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा कि ये हिंदू समुदाय की जीत है. आज का दिन ज्ञानवापी मंदिर के लिए शिलान्यास का दिन है. हम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं.

Advertisement

वहीं मामले पर मुस्लिम पक्ष के वकील मोहम्मद शमीम ने कहा कि आज हमारी याचिका खारिज हो गई. लेकिन अब हम हाईकोर्ट जाएंगे. केस अभी बस शुरू हुआ है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement