
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे के बीच आज कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट पेश होनी है. रिपोर्ट को लेकर अभी कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है. इस बीच सरकारी वकील ने मंगलवार को याचिका दायर करके एक और कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की मांग की है. इसके साथ ही वजूखाने और शौचालय को शिफ्ट करने की मांग की गई है.
ज्ञानवापी मस्जिद में तीन दिन तक सर्वे का काम चला. तीन दिनों में की गई ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर सर्वेक्षण की रिपोर्ट आज किसी भी सूरत में पेश नहीं की जा सकेगी. यह दावा एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने किया है. उन्होंने कहा कि आज रिपोर्ट नहीं पेश की जाएगी, उसके लिए 3 दिन का समय मांगा जाएगा.
लेकिन स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने यह कह करके सस्पेंस पैदा कर दिया कि आज ही रिपोर्ट पेश की जा सकती है. तो वहीं अजय प्रताप सिंह ने बताया कि लगभग 10 घंटे की वीडियोग्राफी, 1500 फोटोग्राफ है, इस वजह से 3 दिन की सर्वेक्षण रिपोर्ट को आज अदालत के समक्ष पेश कर पाना कठिन है, हम शुक्रवार तक का समय मांग सकते हैं.
मुस्लिम पक्ष के वकील ने खारिज किया शिवलिंग का दावा
ज्ञानवापी परिसर में चले तीन दिन तक सर्वे के बाद आज इस पूरे मामले की रिपोर्ट को कोर्ट में देना था, मगर रिपोर्ट तैयार नहीं होने की वजह से कोर्ट कमिश्नर आज मियाद बढ़ाने की मांग कर सकते हैं. इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि आज कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी थी उनको आज रिपोर्ट देनी चाहिए.
शिवलिंग मिलने के दावे पर सवाल उठाते हुए मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने कहा कि ये तो कोर्ट तय करेगा कि जो मिला है वो शिवलिंग है या फिर फव्वारा. शिवलिंग मिलने वाली बात को अभय नाथ यादव ने सिरे से खारिज किया है.
इसके साथ ही शिवलिंग मिलने वाली जगह को सील करने के सवाल पर मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव का कहना था कि कोर्ट ने एक पक्ष की बातों को सुनकर सील करने का फैसला दिया है, जो कि गलत है, मुस्लिम पक्ष की गैर-मौजूदगी में यह फैसला लिया गया, इसके खिलाफ वो ऊपर की कोर्ट में जाएंगे.
इस बीच प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष के वकील रईस अहमद अंसारी का कहना है कि वजू खाने में दिख रही आकृति शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है. उन्होंने वायरल हो रहे वीडियो की भी पुष्टि करते हुए कहा कि वीडियो ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने का ही है, लेकिन वह शिवलिंग नहीं है बल्कि फव्वारा है.