हाथरस के बाद बलरामपुर में गैंगरेप, मायावती बोलीं- UP में कानून का राज नहीं

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि हाथरस और बलरामपुर की घटना इस बात की पुष्टि है कि यूपी में कानून का राज नहीं है. गुंडों को खुली छूट मिल गई है.

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मायावती (फाइल फोटो-PTI) मायावती (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 11:29 AM IST

उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. हाथरस जैसी वारदात बलरामपुर में भी हुई है. यहां भी एक दलित बेटी से हैवानियत हुई. दरिंदों ने बीकॉम की पढ़ाई कर रही छात्रा की इज्जत लूटी और उसे मार डाला. इसके अलावा आजमगढ़ और बुलंदशहर के साथ ही फतेहपुर में भी नाबालिग से रेप की वारदात हुई है.

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रेप की बढ़ती घटना के कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विपक्ष के निशाने पर हैं. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि हाथरस और बलरामपुर की घटना इस बात की पुष्टि है कि यूपी में कानून का राज नहीं है. गुंडों को खुली छूट मिल गई है. अब केंद्र को यूपी में स्थिति देखने के लिए कदम उठाना चाहिए.

बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि मुझे 99 नहीं 100% भरोसा हो गया है कि वर्तमान में यूपी के सीएम, सरकार चलाने में सक्षम नहीं है. बेहतर यही है कि आप या तो नेतृत्व परिवर्तन करें और यदि आप नहीं कर पा रहे हैं तो यहां पर राष्ट्रपति शासन लगाएं. कम से कम उत्तर प्रदेश की जनता के ऊपर रहम करें. यही मेरी अपील है.

बलरामपुर में दलित के साथ गैंगरेप
खबरों के मुताबिक, मंगलवार को बलरामपुर के गेसारी गांव में एक 22 वर्षीय दलित कॉलेज छात्रा के साथ गैंगरेप किया गया. मामले में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बीकॉम द्वितीय वर्ष की यह छात्रा मंगलवार को अपनी फीस देने के लिए पास के शहर के एक कॉलेज में गई थी. परिवार ने बताया कि वह एक निजी फर्म में काम भी करती थी. 

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लड़की जब देर शाम तक घर नहीं लौटी तो परिवार ने उसे कई बार फोन किए लेकिन संपर्क नहीं हो सका. बाद में युवती बेहोशी की हालत में रिक्शे से घर पहुंची. उसके हाथ पर कैनुअला लगा हुआ था, जिससे लग रहा था कि उसका कहीं इलाज चल रहा था. परिजन उसे तत्काल अस्पताल ले गए लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.

परिवार ने आरोप लगाया है कि दुष्कर्म से पहले युवती को कोई घातक इंजेक्शन लगाया गया था. बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने कहा कि परिवार ने बताया है कि युवती समय पर घर नहीं पहुंची थी. जब देर से वह आई तो उसके हाथ में ग्लूकोज ड्रिप लगी थी और वह बहुत बुरी हालत में थी. अस्पताल ले जाते समय उसकी रास्ते में मौत हो गई है.

पीड़िता की मां ने पत्रकारों को बताया कि उसके सुबह कॉलेज जाकर फीस जमा करने की रसीदें हमारे पास हैं. वापस आते समय उसे 3-4 लोगों ने जबरन कार में बिठाया, उसे इंजेक्शन लगाया और फिर दुष्कर्म किया. आरोपियों ने उसकी कमर और पैर तोड़ दिए, जिससे वह चल नहीं पा रही थी. फिर उसे रिक्शे में भेज दिया.

बलरामपुर पुलिस ने एक ट्वीट में कहा कि उसके अंगों के टूटने की खबरें सच नहीं हैं और शव परीक्षण में इन चोटों की पुष्टि नहीं हुई है. पीड़िता के भाई की शिकायत के आधार पर बलरामपुर पुलिस ने मामला दर्ज कर दो आरोपियों शाहिद और साहिल को गिरफ्तार किया.

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