Advertisement

हाथरस केसः बहाल हुए AMU के डॉक्टर, दो दिन पहले ही हुए थे टर्मिनेट

टर्मिनेट करने के फैसले की आलोचना होते देख एएमयू मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने यू टर्न ले लिया है. कॉलेज प्रशासन ने लीव वैकेंसी पर फिर से दोनों डॉक्टरों को बहाल कर दिया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
अकरम खान
  • अलीगढ़,
  • 23 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST
  • एफएसएल रिपोर्ट पर उठाए थे सवाल
  • वीसी ने तत्काल प्रभाव से किया था टर्मिनेट
  • फैसले की हो रही थी हर तरफ आलोचना

हाथरस गैंगरेप केस की जांच के बीच एफएसएल रिपोर्ट पर सवाल उठे थे. एफएसएल रिपोर्ट को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दो डॉक्टरों को टर्मिनेट कर दिया था. अब दोनों डॉक्टरों का टर्मिनेशन खत्म कर वापस बहाल कर दिया गया है. दोनों डॉक्टरों को फिर से लीव वैकेंसी पर बहाल किया गया है.

Advertisement

बताया जाता है कि डॉक्टर अजीम और डॉक्टर ओबैद को एएमयू मेडिकल कॉलेज से मंगलवार को निकाल दिया गया था. एएमयू मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दोनों को यह कहते हुए निकाल दिया था कि दोनों को लीव वैकेंसी पर रखा गया था. कॉलेज प्रशासन ने यह भी कहा था कि दोनों डॉक्टरों का कार्यकाल पूरा हो गया है. इस फैसले के लिए कॉलेज प्रशासन की आलोचना हो रही थी.

देखें: आजतक LIVE TV

फैसले की आलोचना होते देख एएमयू मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने यू टर्न ले लिया है. कॉलेज प्रशासन ने लीव वैकेंसी पर फिर से दोनों डॉक्टरों को बहाल कर दिया है. गौरतलब है कि डॉक्टर अजीम और डॉक्टर ओबैद ने एफएसएल रिपोर्ट को लेकर सवाल उठाए थे. एफएसएल रिपोर्ट में पीड़िता के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई थी. एएमयू के वीसी प्रोफेसर तारिक मंसूर ने तत्काल प्रभाव से टर्मिनेट करने के आदेश दिए थे.

Advertisement

डॉक्टर अजीम ने हाथरस मामले को लेकर अपनी राय रखते हुए कहा था कि 10 से 12 दिन बाद यदि सैंपल कलेक्ट किया जाता है तो रेप की पुष्टि करना नामुमकिन है. सीबीआई की टीम ने भी मेडिकल कॉलेज पहुंचकर छानबीन की थी. सीबीआई की टीम ने मेडिकल कॉलेज में सात घंटे तक पूछताछ की थी.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement