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हाथरसः 5 वीडियो जो बताते हैं खाल बचाने के लिए किस हद तक जा सकती है यूपी पुलिस

हाथरस गैंगरेप घटना को लेकर देश में गुस्सा है और बीती रात जिस तरह यूपी पुलिस ने पीड़िता का जबरन अंतिम संस्कार किया ये गुस्सा बढ़ता जा रहा है. परिवार वालों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

हाथरस में पुलिस पर जबरन अंतिम संस्कार करने का आरोप हाथरस में पुलिस पर जबरन अंतिम संस्कार करने का आरोप
तनुश्री पांडे
  • हाथरस,
  • 30 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:03 PM IST
  • हाथरस गैंगरेप घटना पर पूरे देश में गुस्सा
  • परिवार ने पुलिस पर लगाया जबरन अंतिम संस्कार करने का आरोप
  • हाथरस पुलिस का दावा- मौजूद थे परिजन

उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़िता का बीती देर रात को अंतिम संस्कार कर दिया गया. अलीगढ़ के अस्पताल में हालात बिगड़ने के बाद पीड़िता को दिल्ली लाया गया था, जहां उसने दम तोड़ दिया. पुलिस पर पहले केस को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगा था, लेकिन बीती रात परिवार की गैरमौजूदगी में जिस तरह पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया उससे यूपी पुलिस के व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.

देर रात को जब यूपी पुलिस हाथरस में पीड़िता के गांव में शव लेकर पहुंची, तो किस तरह पुलिस ने परिवारवालों को घर में बंद करके खुद ही अंतिम संस्कार कर दिया इसकी सच्चाई सामने आ गई.

इंडिया टुडे की रिपोर्टर तनुश्री पांडे उस वक्त ग्राउंड ज़ीरो पर मौजूद रहीं और उनके कैमरे में ये पूरा घटनाक्रम रिकॉर्ड हुआ. बीती रात को पीड़िता का शव हाथरस पहुंचने और जबरन अंतिम संस्कार होने तक वहां क्या हुआ, पूरे घटनाक्रम को समझिए.

बीती रात को दो बजे के करीब दिल्ली से पीड़िता का शव हाथरस पहुंचा. हाथरस के जिस गांव में शव पहुंचा, वहां पर एसपी, डीएम, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट मौजूद रहे. शव के पहुंचने के बाद ही परिजनों और गांव वालों ने हंगामा किया. पुलिस की ओर से दबाव बनाया जाने लगा कि शव का अंतिम संस्कार देर रात को ही कर दिया जाए.

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हालांकि, परिवार ने पुलिस से अपील करते हुए कहा कि युवती के शव को घर ले जाने दें, सारी प्रक्रिया का पालन करने दें. इस दौरान गांव वाले विरोध में एम्बुलेंस के सामने बैठ गए और पुलिस का विरोध करने लगे. गांव वालों को समझाने के लिए पुलिस ने मोर्चा संभाला, इस दौरान वहां मौजूद एक अफसर ने कहा कि मैं राजस्थान से हूं और हमारे यहां देर तक शव नहीं रखते हैं. बाकी आप देख लीजिए. पुलिस की अपील पर पीड़िता की मां ने रोते हुए अपील की कि उन्हें बेटी के शव को घर ले जाने दें.

 


इतना ही नहीं एक अफसर ने परिजनों को समझाया कि कुछ गलतियां हुई है, ऐसे में वक्त के साथ रीति रिवाज बदलते हैं और तुरंत ही अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए. जिसपर परिवार ने बेटी के शव को घर ले जाने की अपील की. हालांकि, पुलिस ने परिवार की एक भी बात नहीं सुनी.

और पौने तीन बजे के करीब देर रात को ही पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस दौरान परिवार वालों को घर के अंदर बंद किया गया. पुलिस से जब पूछा गया कि आप क्या जला रहे हैं तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. और बाद में कहा कि अंतिम संस्कार कर दिया गया है. अब पुलिस के इसी बर्ताव पर सवाल खड़े हो रहे हैं, स्थानीय पुलिस ने जबरन अंतिम संस्कार के दावे को गलत बताया है लेकिन कहानी कुछ और ही बयां करती हैं.

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