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हाथरस कांड: UP सरकार का SC में हलफनामा, पीड़ित परिवार को दी तीन स्तरीय सुरक्षा

हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार और केस से जुड़े गवाहों की सुरक्षा को लेकर यूपी सरकार ने हलफनामा दायर किया है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी.

यूपी सरकार ने सुरक्षा को लेकर दिया है हलफनामा (फाइल फोटो) यूपी सरकार ने सुरक्षा को लेकर दिया है हलफनामा (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 12:30 PM IST
  • यूपी सरकार का हाथरस केस में SC में हलफनामा
  • पीड़ित परिवार को मुहैया कराई गई सुरक्षा की जानकारी दी
  • परिवार को मिली तीन स्तरीय सुरक्षा: UP सरकार

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस गैंगरेप कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है. सरकार ने अपने हलफनामे में पीड़िता के परिवार को मुहैया कराई गई सुरक्षा की जानकारी दी गई है. बताया गया है कि परिवार को तीन स्तरीय सुरक्षा मुहैया कराई गई है. 

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस केस को लेकर अपनी पिछली सुनवाई में पीड़ित परिवार और मामले के गवाहों की सुरक्षा के लिए कहा था. अब सरकार ने उसी पर अपना जवाब दिया है. 

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हलफनामे में इसके अलावा यूपी सरकार ने गांव में सुरक्षा को लेकर विस्तार से जानकारी दी है. साथ ही पीड़ित परिवार की महिला सदस्यों के लिए अलग से महिला पुलिस टीम की तैनाती की जानकारी सौंपी गई है.

यूपी सरकार की ओर से कहा गया है कि अदालत सीबीआई को तय समय में जांच पूरी करने का आदेश दे और खुद ही जांच को मॉनिटर करे. साथ ही हर पंद्रह दिन में सीबीआई राज्य सरकार को रिपोर्ट दे सकती है, जिसे फिर सरकार अदालत में दे देगी. 

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प्रदेश सरकार के हलफनामे के मुताबिक, पीड़ित परिवार को तीन स्तरीय सुरक्षा दी गई है, साथ ही गवाहों के लिए पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. इसके अलावा बुलगढ़ी गांव में नाके वाली जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. 

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यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने स्वत: संज्ञान लिया है. अदालत में पीड़ित परिवार की ओर से सीमा कुशवाहा पैरवी कर रही हैं. इस मामले की अगली सुनवाई दो नवंबर को होनी है. 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई के बाद ही प्रदेश सरकार ने पीड़ित सरकार की सुरक्षा को बढ़ाया था. पीड़िता के घर यूपी पुलिस के अलावा पीएसी की तैनाती की गई थी, सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. साथ ही घर में आने-जाने वालों का नाम नोट किया जा रहा था. बता दें कि घटना के बाद पीड़िता के परिवार की ओर से खतरे की बात कही गई थी, इसके अलावा गांव से बाहर जाने या फिर सुरक्षा देने की मांग की गई थी. 

 

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