
हाथरस कांड में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में अब तक की जांच की स्टेटस रिपोर्ट दिखा दी है. बाद में रिपोर्ट रजिस्ट्री के जरिए अदालत को भेजी जाएगी. सीबीआई ने हाई कोर्ट को बताया है कि वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने के लिए चारों आरोपियों को गांधीनगर में पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग के लिए ले जाया गया था.
सीबीआई ने हाई कोर्ट को बताया कि इस मामले में पूरी जांच 10 दिसंबर तक पूरी हो जाएगी. सीबीआई ने जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस राजन राय की खंडपीठ के सामने सुनवाई के दौरान यह बातें कहीं. अदालत ने सुनवाई के दौरान हाथरस के डीएम को अभी तक नहीं हटाने को लेकर भी नाराजगी जताई.
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने हलफनामे के जरिए कहा कि डीएम प्रवीण कुमार का कार्य संतुलित और सद्भावना पूर्ण रहा है. उन्हें कुछ राजनीतिक दल वहां से हटाना चाहते हैं. अगर सरकार ऐसा करती है तो अच्छा काम करने वाले अधिकारी हतोत्साहित होंगे.
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महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने यह भी कहा कि डीएम के खिलाफ कोई भी शिकायत पीड़ित परिवार ने नहीं की है और ना ही डीएम के द्वारा किस तरीके की गलती की बात सामने आई है. पीड़िता की तरफ से पेश अधिवक्ता सीमा कुशवाहा ने पीड़ित परिवार को उत्तर प्रदेश के बाहर घर मुहैया कराने जाने की भी गुजारिश की.
वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कहने के बावजूद भी पीड़ित परिवार में को अभी तक सरकारी नौकरी नहीं दी गई है. इस मामले में अगली सुनवाई 16 दिसंबर को तय की गई है.