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हाथरस बलात्कार पीड़िता के परिवार को गांव में लगता है डर, कहा- योगी सरकार ने पूरे नहीं किए वादे

पिछले दिनों हाथरस बलात्कार मामला काफी सुर्खियों में रहा था. परिवार का कहना है कि वह गांव में असुरक्षित महसूस करते हैं. उन्हें हाथरस के बाहर नौकरी और घर चाहिए. लेकिन योगी सरकार ने कोई भी वादा पूरा नहीं किया.

उन्नाव रेप पीड़िता का परिवार गांव में सुरक्षित नहीं (फाइल फोटो) उन्नाव रेप पीड़िता का परिवार गांव में सुरक्षित नहीं (फाइल फोटो)
अमित भारद्वाज
  • हाथरस,
  • 20 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST
  • मामले पर हो रही धीमी कार्यवाही से खुश नहीं है परिवार
  • यूपी में कानून व्यवस्था ठीक नहीं, इसी मुद्दे पर करेंगे मतदान

उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण का मतदान हो रहा है. आज रविवार को जिन सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं उनमें हाथरस विधानसभा सीट भी है. पिछले दिनों हाथरस बलात्कार मामला काफी सुर्खियों में रहा था. उनका कहना है कि वह गांव में असुरक्षित महसूस करते हैं. उन्हें हाथरस के बाहर नौकरी और घर चाहिए. पीड़िता के भाई का कहना है कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था, आज के मतदान के दौरान हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा है.

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गांव में सुरक्षित नहीं है परिवार

पीड़िता के बड़े भाई ने आजतक को बताया कि बलात्कार के इस मामले पर जिस तरह से कार्रवाई हो रही है, उससे वे लोग खुश नहीं हैं. पीड़िता के भाई ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि इस मामले को खींचा जा रहा है, मामले की सुनवाई तेजी से नहीं की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि परिवार अब गांव में खुद को असुरक्षित महसूस करता है. इसलिए सुरक्षा कारणों की वजह से परिवर हाथरस के बाहर नौकरी और घर चाहता है.

हमारा परिवार आज वोट डालेगा

यूपी पर होने वाले मतदान पर उन्होंने कहा कि हमारा परिवार आज वोट डालेगा. यूपी की कानून व्यवस्था ठीक नहीं है. हमारे परिवार के साथ जो हुआ, वह किसी और परिवार की किसी बेटी के साथ नहीं होना चाहिए. हम कानून व्यवस्था के मुद्दे पर ही मतदान करेंगे. 

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योगी सरकार ने पूरे नहीं किए वादे

पीड़िता के भाई ने आरोप भी लगाया कि इस मामले में योगी सरकार ने उनसे जो भी वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि परिवार को अभी तक नौकरी और घर नहीं दिया गया है, जिसका वादा परिवार से किया गया था. उनका कहना है कि उन्हें बाहर कहीं भी नौकरी नहीं मिल रही है, क्योंकि जो मामला चल रहा है उसके कारण कंपनियां हमें नौकरी देने से मना कर देती हैं

नहीं दी जा रही सरकारी नौकरी

परिवार ने यह भी दावा किया कि दिसंबर 2021 में, एक अदालती सुनवाई के दौरान, हमें बताया गया कि हमें सरकारी नौकरी नहीं दी जा रही है और घर भी हमें तब ही दिया जाएगा, जब हम इंदिरा आवास योजना के तहत परिवार को आवंटित की गई ज़मीन सरकार को सरेंडर करेंगे. हमें सशर्त मुआवजा नहीं चाहिए. ये शर्तें हमें तब नहीं बताई गई थीं, जब योगी सरकार ने मुआवजे की घोषणा की थी.

क्या था मामला

आपको बता दें कि 14 सितंबर 2020 को हाथरस के चंदपा थाने के एक गांव में, एक दलित युवती के साथ दुष्कर्म और जान मारने की कोशिश का मामला सामने आया था. 29 सितंबर को दिल्ली में, इलाज के दौरान युवती की मौत हो गयी थी. मामले की जांच सीबीआई ने की थी और गांव के ही 4 युवकों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. केस के चारों आरोपी युवक जेल में है और मामला एससी/एसटी कोर्ट हाथरस में विचाराधीन है. 

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