
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में बैंक के अंदर नमाज पढ़ने और इफ्तार करने का वीडियो वायरल होने के बाद इस पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जतायी है और डीएम को चिट्ठी लिखकर कार्रवाई की मांग की है.
जानकारी के मुताबिक, बाराबंकी में प्राइवेट बैंक एचडीएफसी में अलविदा की नमाज के दौरान बैंक के अंदर ही नमाज अदा की गई और उसके बाद सभी लोगों को इफ्तारी दी गई. इस दौरान बैंक मैनेजर ने इफ्तारी करने वालों को गिफ्ट भी दिए.
बैंक परिसर में नमाज और इफ्तारी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ, जिसके बाद हिंदू संगठन बजरंग दल और शिवसेना ने बैंक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डीएम को चिट्ठी लिखी है.
वहीं प्रशासन ने इस घटना के बाद अपने कई सरकारी खातों को दूसरे सरकारी बैंकों में शिफ्ट कर दिया है. हालांकि इस फैसले के पीछे सरकारी आदेश का हवाला दिया गया है.
सरकारी खातों को दूसरे बैंक में ट्रांसफर करने को लेकर परियोजना अधिकारी सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि हमारे कई खाते एचडीएफसी बैंक में थे, लेकिन ऊपर से आदेश आए थे कि इन खातों को सरकारी बैंक में शिफ्ट कर दिया जाए जिसके बाद हमने ऐसा किया.
बाराबंकी में एचडीएफसी बैंक के जिस शाखे का वीडियो वायरल हुआ है, उस क्षेत्र के पार्षद ने बताया कि इस तरीके का आयोजन पहले कभी नहीं हुआ है. इस आयोजन के बारे में जब पता चला तो हमने बातचीत की. बैंकों में ये सब नहीं होना चाहिए.
वहीं बैंक मैनेजर जहीर अब्बास के मुताबिक वहां हर साल इस तरह का आयोजन होता रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में कोरोना की वजह से ऐसा नहीं हो पाया था लेकिन इस बार किया गया क्योंकि इस्लाम धर्म में इफ्तारी कराना अच्छा माना जाता है.
बैंक में नमाज और इफ्तारी का वीडियो वायरल होने के बाद बजरंग दल के प्रांत विद्यार्थी प्रमुख अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए. शासन को ज्ञापन दिया गया है जिसमें 2 दिनों के अंदर कार्रवाई करने की मांग की गई है.
उन्होंने कहा कि मैनेजर के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और हम ऐसे धार्मिक आयोजनों के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे. वहीं इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि कोई भी कार्य नियमों के तहत होना चाहिए, मामले की जांच की जाएगी.
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