
उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ट्रैफिक व्यवस्था संभालना, थाने में पहरा या 112 की गाड़ी पर ड्यूटी... गृह विभाग के अधीन काम करने वाले इन सभी होमगार्डों को अब वेतन के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा. पुलिस महकमे के लिए काम करने वाले इन सभी होमगार्डों की ड्यूटी भत्ते का भुगतान सीधे विभाग से होगा. सरकार ने इनके लिए बजट जारी कर दिया है, जो सीधे होमगार्ड विभाग को मिलेगा.
उत्तर प्रदेश में कुल एक लाख अस्सी हजार होमगार्ड काम करते हैं. इनमें 90 हजार पूर्ण वैतनिक होमगार्ड हैं. इन 90 हजार में 25 हजार होमगार्ड कानून-व्यवस्था संभालने में थाने से लेकर चौराहे पर ड्यूटी देते हैं. 8,996 होमगार्ड डायल 112 की सेवा में ड्यूटी देते हैं. अब तक इन 2996 होमगार्ड को गृह विभाग से मेहनताना मिलता था. पिछले साल गृह विभाग ने बजट की कमी के चलते होमगार्डों को हटाने का फैसला लिया था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दखल के बाद एक साल के लिए होमगार्डों की तैनाती बढ़ाई गई.
अब प्रदेश सरकार ने होमगार्ड के वेतन के लिए सालाना 1075 करोड़ का बजट जारी किया है, जो सीधे होमगार्ड विभाग को मिलेगा. 1075 करोड़ के बजट में 755 करोड़ का बजट 25000 होमगार्डों के लिए है, जो थानों और ट्रैफिक के ड्यूटी कर रहे हैं. 320 करोड़ का बजट उन 8996 होमगार्ड के लिए है, जिनकी पुलिस की 112 सेवा पर ड्यूटी है.
सरकार के फैसले पर होमगार्ड विभाग के स्वतंत्र प्रभार (राज्य मंत्री) धर्मवीर प्रजापति का कहना है कि गृह विभाग ने पिछले साल इन सभी 33996 होमगार्ड की सेवा लेने से मना कर दिया था. मुख्यमंत्री की दखल के बाद एक साल के लिए इन सभी होमगार्ड की सेवाओं को बढ़ाया गया. एक साल बाद फिर इन हजारों होमगार्ड के बेरोजगार होने का खतरा था. ऐसे में सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया कि अब गृह विभाग के अधीन सभी होमगार्ड का वेतन विभाग देगा. मौजूदा वित्तीय वर्ष में इसके लिए 1075 करोड़ के बजट की व्यवस्था की गई है.
(रिपोर्ट-संतोष कुमार)