
जैसे ही गोलियां चलनी शुरू हुईं, गांव वाले चीखते-चिल्लाते वहां से तितर-बितर हो गए. कथित शूटर को पुलिस ने मौके पर पकड़ा भी, लेकिन वो रहस्यमय ढंग से फरार होने में कामयाब रहा. गुरुवार को राशन स्टोर्स के सार्वजनिक आवंटन के दौरान दुर्जनपुर में अराजकता फैल गई थी. तभी के एक वीडियो में आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को लाल टी-शर्ट पहने संदिग्ध व्यक्ति को पकड़े हुए देखा जा सकता है.
संदिग्ध के फरार होने की मिस्ट्री
हालांकि कथित तौर पर हमलावर रहस्यमय तरीके से फरार हो गया. गोलियां लगने से ज़ख्मी हुए एक शख्स को मृत घोषित कर दिया गया था. डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने पत्रकारों को बताया, "पीड़ित के भाई ने जानकारी दी कि पुलिस ने घटनास्थल से संदिग्ध शख्स को पकड़ा था. वह भीड़ का फायदा उठाकर भाग निकला." डीआईजी ने ये भी कहा कि ‘खामियों’ के लिए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
जांचकर्ताओं से इस खुलासे की उम्मीद की जा रही है कि पहले तो कैसे एक हथियारबंद शख्स ऐसे कार्यक्रम में जाने में सफल रहा, जहां वरिष्ठ जिला अधिकारी संचालन कर रहे थे और पुलिस की ओर से सुरक्षा मुहैया कराई जा रही थी. फिर वो फायरिंग करता है. एक ग्रामीण गोलिया लगने से ज़ख्मी होकर गिरता है और उसके बाद हमलावर वहां से भागने के लिए रास्ता भी ढ़ूंढ लेता है.
बलिया शूटर के बीजेपी से लिंक्स!
लेकिन संदिग्ध के राजनीतिक कनेक्शन प्रतीत होते हैं- कम से कम स्थानीय स्तर पर. यह रिपोर्ट लिखे जाने तक यूपी पुलिस की ओर से वांछित धीरेंद्र प्रताप सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर खुद को 2011 से बीजेपी कार्यकर्ता बता रखा है.
संदिग्ध एक रिटायर्ड शिक्षक का बेटा और खुद तीन बच्चों का पिता है. सोशल-मीडिया प्लेटफॉर्म पर संदिग्ध की तस्वीरों से उसके बैरिया निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह से करीबी के संकेत मिलते हैं.
फेसबुक पर ड्राइविंग करते हुए 2019 में स्ट्रीम किए एक वीडियो में धीरेंद्र प्रताप सिंह को अन्य एक्टिविस्ट्स के साथ देखा जा सकता है. इसमें उसे बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार (उस वक्त) वीरेंद्र सिंह मस्त के स्वागत की योजना के बारे में कहते सुना जा सकता है. वीरेंद्र सिंह मस्त अब बलिया से पार्टी के सांसद हैं.
दुर्जनपुर में गोलीबारी की घटना सामने आने के बाद, बीजेपी ने जोर देकर कहा कि धीरेंद्र प्रताप सिंह बीजेपी में किसी पद पर नहीं है. बीजेपी के बलिया प्रमुख जय प्रकाश साहू ने कहा, "दुर्जनपुर की घटना बेहद निंदनीय है. जहां तक धीरेंद्र प्रताप सिंह का सवाल है तो वो जिला या ब्लॉक स्तर पर किसी पार्टी पोस्ट पर नहीं है.”
लेकिन शुक्रवार को विधायक सुरेंद्र सिंह ने स्वीकार किया कि संदिग्ध शख्स बीजेपी का सक्रिय कार्यकर्ता रह चुका है.
बैरिया विधायक ने कहा, "वह विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान एक पार्टी कार्यकर्ता था. मैं कैसे कह सकता हूं कि वह हमारी पार्टी का कार्यकर्ता नहीं था. गोलीबारी की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है."
विधायक दुर्जनपुर फायरिंग को सेल्फ-डिफेंस (आत्म रक्षा) की घटना के तौर पर प्रोजेक्ट करते प्रतीत हुए.
विधायक ने मीडिया पर एकपक्षीय तस्वीर पेश करने का आरोप लगाते हुए टिप्पणी की, “मुझे जो जानकारी मिली है उससे पता चलता है कि सैकड़ों लोगों ने धीरेंद्र प्रताप सिंह की बहन, भाभी और पिता पर लाठियों से हमला किया.” विधायक ने आगे कहा, "गोलीबारी की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. लेकिन हमने वहां के लोगों से जो सुना है, वह यह है कि दूसरे पक्ष की ओर से हिंसा की शुरुआत हुई थी."
हालांकि, वरिष्ठ बीजेपी नेतृत्व ने संदिग्ध को बलिया विधायक की ओर से प्रतीत समर्थन का अनुमोदन नहीं किया.
विधायक पर कार्रवाई के लिए बीजेपी में विचार
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इंडिया टुडे को बताया कि पार्टी ने विधायक सुरेंद्र सिंह के बयान का गंभीरता से संज्ञान लिया है.
मंत्री ने कहा, "जहां तक इस विधायक का सवाल है, जिन्होंने धीरेंद्र (प्रताप) सिंह का समर्थन किया है, उनको लेकर भी विचार किया जा रहा है. पार्टी में एक प्रक्रिया है. बीजेपी अध्यक्ष ने इसको संज्ञान में लिया है."
मंत्री के मुताबिक बीजेपी नेतृत्व पार्टी अनुशासन समिति की सलाह का अनुसरण करेगा. मंत्री ने कहा, “यह सब हो रहा है और निश्चित रूप इसके बारे में आप सुनेंगे.”
अब तक, पुलिस एफआईआर में नामजद आठ संदिग्धों में से सात को गिरफ्तार कर चुकी है.
डीआईजी दुबे ने पत्रकारों से कहा, "इस मामले में अनुकरणीय कार्रवाई की जाएगी और आप जमीन पर कार्रवाई होते देखेंगे.”