
उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) में हुई तबादलों में गड़बड़ियों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के बाद दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. सीएम के आदेश पर मंगलवार को फिर PWD के पांच अफसरों-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया.
जानकारी के मुताबिक पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष व प्रमुख अभियंता (विकास) मनोज कुमार गुप्ता, प्रमुख अभियंता (परि./नियो.) राकेश कुमार सक्सेना व वरिष्ठ स्टॉफ ऑफिसर (ई-2) शैलेन्द्र कुमार यादव, प्रशासनिक अधिकारी व्यवस्थापन 'घ' वर्ग पंकज दीक्षित व प्रधान सहायक व्यवस्थापन 'घ' वर्ग संजय कुमार चौरसिया को निलंबित किया गया है.
जितिन प्रसाद के OSD पर गिरी पहली गाज
PWD में तबादलों में गड़बड़ियों पर पहली गाज पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के विशेष कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी (OSD) को अरुण कुमार पांडे पर गिरी. सचिवालय प्रशासन विभाग ने सोमवार को उन्हें कार्यमुक्त कर मूल विभाग में वापस दिल्ली भेजने के आदेश जारी कर दिए हैं.
उनके खिलाफ सतर्कता जांच और अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश भी की गई है. उत्तर प्रदेश आने से पहले पांडेय केंद्र में उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में अवर सचिव के पद पर तैनात थे.
350 से ज्यादा इंजीनियरों को हुआ था ट्रांसफर
यूपी में चिकित्सकों के तबादले में हुई गड़बड़ियों के बाद लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों के तबादले में भी गड़बड़ी का मामला सामने आया था. लोक निर्माण विभाग में 350 से अधिक इंजीनियरों का तबादला हुआ था. करीब 200 अधिशासी इंजीनियरों और डेढ़ सौ से अधिक असिस्टेंट इंजीनियरों का भी तबादला किया गया. इसको लेकर भी शिकायतें आई थीं.
विभाग ने बढ़ा दी थी तबादले की तारीख
लोक निर्माण विभाग में 3 साल पहले अमृत इंजीनियर और कई इंजीनियरों का एक से अधिक जिले में तबादले का मामला सामने आया था. तबादलों की अंतिम तारीख जहां सभी विभागों के लिए 30 जून थी, वहीं लोक निर्माण विभाग में 10 जुलाई कर दी गई थी.
इसके बाद कई मामलों में भ्रष्टाचार की शिकायतें सीएम योगी तक पहुंची थीं. स्वास्थ्य विभाग तबादला विवाद में जांच की सिफारिश के साथ ही सीएम योगी ने पीडब्ल्यूडी की जांच के आदेश दे दिए थे.
12 जुलाई को गठित की गई थी जांच समिति
लोकनिर्माण विभाग में हाल में हुए ट्रांसफर में बड़े पैमाने पर अनियमितता की शिकायतें मिलने के बाद सीएम योगी ने तत्काल प्रभावी कदम उठाते हुए 12 जुलाई को तीन सदस्यीय एक टीम गठित कर दी थी. इस जांच कमेटी में एपीसी मनोज सिंह, एसीएस, गन्ना एवं आबकारी, संजय भूसरेड्डी और एसीएस, नियुक्ति और कृषि, देवेश चुतर्वेदी को शामिल किया गया था. जांच कमेटी में 16 जुलाई को अपने रिपोर्ट पेश कर दी थी.