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उत्तर प्रदेश के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर आज वायुसेना के कई लड़ाकू विमान अपना जलवा बिखेरेंगे. एक्सप्रेस-वे पर करीब वायुसेना के 20 विमान उतरेंगे, जिनमें 2 जोड़ी जगुआर, 3 जोड़ी मिराज 2000, 3 जोड़ी सुखोई 30, 1 सी-130 आदि शामिल हैं. यानी भविष्य में अगर किसी देश से भारत की जंग होती है, तो इमरजेंसी में एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमानों को उतारा या उड़ाया जा सकता है.
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे ही क्यों?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो ये एक्सप्रेस-वे पाकिस्तान और चीन दोनों बॉर्डर के सेंटर पर पड़ता है. यानी मौजूदा समय में चीन के डोकलाम बॉर्डर और पाकिस्तान के राजस्थान से सटे बॉर्डर की मिसाइल रेंज से बाहर हैं. यानी दुश्मन को पीटने के लिए एक्सप्रेस-वे एक बड़ी रणनीति के तौर पर काम कर सकता है.
गौरतलब है कि वेस्टर्न एयर कमांड का प्रमुख एयरफोर्स स्टेशन हिंडन एयरबेस भी एक्सप्रेस-वे के काफी नज़दीक है. हिंडन एयरबेस पर ही वायुसेना के प्रमुख लड़ाकू विमान हमेशा ही तैनात रहते हैं. यानी जरूरत के समय उन्हें यमुना एक्सप्रेस-वे पर उतरने में काफी टाइम नहीं लगेगा.
गौरतलब है कि इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना के 20 विमान हिस्सा लेंगे, जिसमें लड़ाकू और परिवहन विमान शामिल होंगे. इनमें मिराज 2000, जगुआर, सुखोई 30 और एएन-32 परिवहन विमान शामिल होंगे. उतरने और उड़ान भरने का अभ्यास 24 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से होगा.
आपको बता दें कि इससे पहले जब एक्सप्रेस-वे की शुरुआत हुई थी, तब भी यहां पर कई तरह के विमान उतरे थे. हालांकि इस बार की खासियत यह है कि पहली बार यहां वायुसेना के परिवहन विमान इस एक्सप्रेस-वे पर उतरेंगे और उड़ान भरेंगे. पिछले साल इस एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के मौके पर आठ लड़ाकू जेट विमान इस पर उतरे थे और उड़ान भरी थी.
युद्ध जैसी आपात स्थिति में सड़कों पर ही विमान उतारने और उड़ान भरने के लिए पायलटों को तैयार करने के लिए यह अभ्यास किया जा रहा है. 24 अक्तूबर को परिवहन विमान के अलावा लड़ाकू जेट भी उतरेंगे और उड़ान भरेंगे.