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ट्रेन में थी जबरदस्त भीड़, स्टेशन पर ही छूट गए 67 यात्री, 15 घंटे बाद रेलवे ने किया ये इंतजाम

दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर तकरीबन 67 यात्री चेन्नई जाने के लिए अपनी ट्रेन नहीं पकड़ पाए. दरअसल, यात्रियों को संघमित्रा एक्सप्रेस पकड़नी थी और उसमें पहले से ही काफी भीड़ थी. ऐसे में जो 67 यात्री अपनी ट्रेन नहीं पकड़ सके वो तकरीबन 15 घंटे तक डीडीयू जंक्शन पर बेहाल रहे. हालांकि, बाद में उन्हें दूसरी ट्रेन से रवाना कर दिया गया.

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उदय गुप्ता
  • चंदौली,
  • 14 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:16 AM IST

DDU Junction News:  रेलवे अपने यात्रियों की सुविधाओं का खास ख्याल रखने का दावा करता है. हालांकि, बीच-बीच में कई मामले ऐसे सामने आते हैं, जो रेलवे की साख पर बट्टा लगाने का काम करते हैं. पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) के दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (DDU Junction) का ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां रिजर्वेशन होने के बावजूद 5 दर्जन से ज्यादा पैसेंजर ट्रेन में चढ़ नहीं पाएं. ट्रेन के डिब्बों में पहले से ही यात्रियों की जबर्दस्त भीड़ थी. इन सभी यात्रियों को दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से संघमित्रा एक्सप्रेस पकड़नी थी और चेन्नई जाना था लेकिन भीड़ के कारण ट्रेन में चढ़ ही नहीं पाए.

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तकरीबन 15 घंटे तक यह सभी यात्री डीडीयू जंक्शन पर बेहाल रहे. मामले की जानकारी मिलने के बाद आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने यात्रियों को खाने-पीने का सामान उपलब्ध कराया. तकरीबन 15 घंटे बाद इन सभी यात्रियों को दूसरी ट्रेन से चेन्नई के लिए रवाना किया गया.

रिजर्वेशन होने के बाद भी नहीं मिली सीट!

दरअसल, चेन्नई के तिरुमलाई से 120 लोगों का ग्रुप काशी भ्रमण के लिए आया था. काशी भ्रमण के बाद इस ग्रुप के सदस्यों को 12 तारीख की रात 11:00 बजे की ट्रेन संघमित्रा एक्सप्रेस से चेन्नई के लिए वापस जाना था. सभी यात्री समय से स्टेशन पर पहुंच गए थे. प्लेटफार्म नंबर चार पर जब संघमित्रा एक्सप्रेस आई. इस दल के यात्री अपने-अपने डिब्बों में सवार होने लगे. यात्रियों का आरोप है कि ट्रेन की रिजर्व डिब्बे में भी पहले से ही काफी भीड़ थी और कुछ डिब्बों का दरवाजा पहले से बंद था. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर जब इन यात्रियों ने स्लीपर क्लास के कोच नंबर S-1, S-2, S-3, S7 और S-9 कोच में पहले से ही जबर्दस्त भीड़ मौजूद थी. यहां तक की ट्रेन के दरवाजे पर भी लोग ठसाठस भरे हुए थे. किसी तरह इस ग्रुप के 53 यात्री ट्रेन में सवार हो गए. बाकी के 67 यात्री प्लेटफार्म पर ही छूट गए.

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यात्रियों ने प्लेटफॉर्म पर बिताई रात

इन सभी यात्रियों ने पूरी रात प्लेटफार्म पर बिताई और सुबह के वक्त आरपीएफ के जवानों ने इन सभी यात्रियों के भोजन पानी का इंतजाम किया. यात्रियों के काफी हो हल्ला मचाने पर इनके पहले वाले टिकट को ही वैधता प्रदान की गई. इसके बाद दोपहर की एक ट्रेन इन सभी लोगों को इटारसी तक रवाना किया गया और वहां से दूसरी ट्रेन में व्यवस्था की गई.

इस मामले की जानकारी देते हुए दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक संजीव कुमार ने बताया कि संघमित्रा एक्सप्रेस ट्रेन में पहले से ही काफी भीड़ थी. जिसकी वजह से डीडीयू जंक्शन पर यात्रियों को ट्रेन में सवार होने में परेशानी हुई. पिछले स्टेशनो से ही ट्रेन में पहले से भीड़ भरी हुई थी इसीलिए यहां पर यात्री चढ़ नहीं पाए.जब इस मामले की जानकारी हुई तो आरपीएफ और डीडीयू जंक्शन के वाणिज्य विभाग के द्वारा उन सभी यात्रियों के भोजन पानी की व्यवस्था की गई. साथ ही साथ उनको दोपहर में लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस से आगे के लिए रवाना किया गया.

दूसरी ट्रेन से यात्रियों को किया गया रवाना

बहरहाल तकरीबन 15 घंटे तक दक्षिण भारतीय यात्रियों का यह दल डीडीयू जंक्शन पर हलकान होता रहा.भले ही 15 घंटे बाद आरपीएफ की मदद से इन लोगों को दूसरी ट्रेन में व्यवस्था तो कर दी गई और यदि अपने गंतव्य की तरफ रवाना हो गए. बड़ा सवाल यह है कि आखिर जब सभी डिब्बे रिजर्व थे तो उन डिब्बों में पहले से ही इतनी भीड़ क्यों भरी हुई थी. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पहुंचने से पहले के स्टेशनों पर इन डिब्बों को अनधिकृत यात्रियों से खाली क्यों नहीं करवाया गया.

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