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डिम्पल नहीं जयंत चौधरी को मिला राज्यसभा का टिकट, SP-RLD के होंगे संयुक्त प्रत्याशी

राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी राज्यसभा जाएंगे. जयंत चौधरी, समाजवादी पार्टी गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी होंगे. इससे पहले डिंपल यादव के नाम की सुगबुगाहट थी, लेकिन ऐन वक्त पर अखिलेश यादव ने जयंत को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है.

अखिलेश यादव के साथ जयंत चौधरी (फाइल फोटो-PTI) अखिलेश यादव के साथ जयंत चौधरी (फाइल फोटो-PTI)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 26 मई 2022,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST
  • सपा ने तीसरे प्रत्याशी का किया ऐलान
  • सिब्बल, जावेद और जयंत जाएंगे राज्यसभा

उत्तर प्रदेश की 11 राज्यसभा सीटों के लिए हो रहे चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने एक और प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. शुरुआत में खबरें थी कि सपा की ओर से डिंपल यादव राज्यसभा जा सकती हैं, लेकिन अब राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को सपा ने राज्यसभा का टिकट दिया है. जयंत चौधरी, सपा-आरएलडी के संयुक्त प्रत्याशी होंगे.

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समाजवादी पार्टी (सपा) ने गुरुवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके बताया, 'जयंत चौधरी समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल से राज्य सभा के संयुक्त प्रत्याशी होंगे.' इससे पहले सपा ने सपा के मुस्लिम चेहरा जावेद अली और देश के जाने-माने वकील कपिल सिब्बल को अपना प्रत्याशी बनाया है. सिब्बल ने निर्दलीय पर्चा भरा है. उन्हें सपा समर्थन कर रही है.

अब क्या आजमगढ़ से उपचुनाव लड़ेंगी डिंपल?

कल तक यह लगभग तय था कि डिंपल यादव का राज्यसभा जाना तय है और वह गुरुवार को अपना नामांकन करेंगी, लेकिन कपिल सिब्बल के निर्दलीय प्रत्याशी बनने के बाद हालात बदलने लगे और चर्चा आरएलडी के खेमे में शुरू हो गई कि जयंत चौधरी को एक बार फिर धोखा मिला है. यूपी के सियासी गलियारे में कई अटकलबाजी भी शुरू हो गई.

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इन सबके बीच समाजवादी पार्टी ने तमाम अटकलों को विराम लगाते हुए एक बड़ा फैसला लिया और जयंत चौधरी को आरएलडी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन का संयुक्त उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया. इससे साफ हो गया कि अब डिंपल यादव राज्यसभा नहीं जा रही. अब चर्चा है कि डिंपल यादव, आजमगढ़ लोकसभा सीट उपचुनाव लड़ेंगी.

सिब्बल और जावेद अली भर चुके हैं पर्चा

इससे पहले बुधवार को सपा की ओर से कपिल सिब्बल और जावेद अली ने अपना नामांकन भरा. इस दौरान कपिल सिब्बल ने बताया कि वो 16 मई को ही कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं. सिब्बल के नामांकन के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव भी मौजूद रहे. सिब्बल ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है, जिन्हें सपा समर्थन दे रही है.

2016 में सिब्बल को तत्कालीन सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी द्वारा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में यूपी से राज्यसभा के लिए चुना गया था. कपिल सिब्बल को लेकर ये भी माना जा रहा है कि अखिलेश इस मौके को आजम खान की उपेक्षा और रिहा होने के बाद के हावभाव के बीच भुनाना चाहते हैं. आजम खान ने जेल से बाहर आने के बाद कहा था कि मेरे विनाश में मेरे चाहने वालों का हाथ है.

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सपा के खाते में तीन राज्यसभा सीट पक्की, चौथी के लिए टक्कर

उत्तर प्रदेश के विधानसभा में कुल 403 विधायक हैं, जिनमें से 2 सीटें रिक्त हैं. इस तरह से 401 विधायक फिलहाल हैं. ऐसे में एक सीट के लिए 36 विधायकों का वोट चाहिए. बीजेपी गठबंधन के पास 273 विधायक है, जिसके लिहाज से 7 सीट जीतने में कोई परेशानी नहीं होगी. सपा के पास 125 विधायक हैं. उसे 3 सीट जीतने में कोई दिक्कत नहीं है. एक सीट के लिए बीजेपी और सपा सियासी घमासान मचेगा और एक दूसरे के खेमे में सेंधमारी की कवायद होगी. 

सपा के इन राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल हो रहा है खत्म

बता दें कि राज्यसभा की 11 सीट के लिए 24 मई से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी अभी तीन लोगों को राज्यसभा भेजने की स्थिति में है. तीनों नाम फाइनल हो चुके हैं. कपिल सिब्बल, जावेद अली और जयंत चौधरी राज्यसभा जाएंगे. अभी तक राज्यसभा में सपा के पांच सदस्य हैं, जिसमें कुंवर रेवती रमन सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद और चौधरी सुखराम सिंह यादव का कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म हो रहा है. 

 

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