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अभी जेल में ही रहेंगे डॉ कफील खान, तीन महीने के लिए बढ़ाया गया डिटेंशन

4 अगस्त को जारी आदेश में कहा गया कि यह निर्णय एनएसए सलाहकार बोर्ड द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर लिया जा रहा है, जिसका गठन सरकार द्वारा अधिनियम के तहत मामलों और अलीगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट से निपटने के लिए किया गया है.

डॉक्टर कफील खान (फाइल फोटो) डॉक्टर कफील खान (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 15 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 12:28 AM IST

  • कफील खान को एनएसए के तहत बंद किया गया था
  • कफील खान के कैद की अवधि तीन महीने बढ़ाई गई

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत जेल में बंद गोरखपुर के डॉ कफील खान की डिटेंशन को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया है. बता दें कि 13 फरवरी को परामर्श दात्री समिति और अलीगढ़ डीएम की रिपोर्ट पर कफील खान को 6 महीने के लिए एनएसए के तहत बंद किया गया था जिसे बढ़ाकर अब 9 महीने कर दिया गया है. यानी कफील खान 3 महीने तक और जेल में रहेंगे.

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4 अगस्त को जारी आदेश में कहा गया कि यह निर्णय एनएसए सलाहकार बोर्ड द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर लिया जा रहा है, जिसका गठन सरकार द्वारा अधिनियम के तहत मामलों और अलीगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट से निपटने के लिए किया गया है.

यह भी पढ़ें: डॉक्टर कफील पर रासुका लगाने के खिलाफ SC में याचिका, केस इलाहबाद HC ट्रांसफर

अभी हाल ही में कफील पर रासुका के तहत कार्रवाई करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हालांकि तब सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाई कोर्ट भेज दिया था. चीफ जस्टिस बोबडे की बेंच ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले में जल्द सुनवाई करे. जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर कफील खान पर रासुका लगाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट से 15 दिनों के अंदर फैसला लेने को कहा था.

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यूपी एसटीएफ ने किया था कफील को गिरफ्तार

बता दें कि 10 फरवरी को अलीगढ़ सीजेएम कोर्ट ने डॉ कफील के जमानत के आदेश दिए थे लेकिन उनकी रिहाई से पहले उन पर एनएसए लगा दिया गया और वो जेल से रिहा ही नहीं हो पाए. गौरतलब है कि बीते 29 जनवरी को डॉक्टर कफील को यूपी एसटीएफ ने भड़काऊ भाषण के आरोप में मुंबई से गिरफ्तार किया था.

यह भी पढ़ें: कफील खान की रिहाई के लिए अधीर रंजन ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी

डॉक्टर कफील पर अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण और धार्मिक भावनाएं को भड़काने के आरोप है. 13 दिसंबर को अलीगढ़ में FIR लिखी गई थी. डॉ कफील पर धर्म, नस्ल, भाषा के आधार पर नफरत फैलाने के मामले में धारा 153-ए के तहत केस दर्ज किया गया है.

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