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बिहार से आ रहे शवों के यूपी में अंतिम संस्कार पर लगी रोक! लोग बोले- हम गया में नहीं होने देंगे पिंडदान

बिहार के शव को यूपी ले जाने पर यूपी सरकार ने पूरी तरह से रोक लगा दी है. सभी बॉर्डर इलाके में चैकपोस्ट बनाकर विधिवत पुलिस की तैनाती कर दी गई है और सभी शवों को एक-एक कर लौटाया जा रहा है.

सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई) सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
रंजन कुमार त्रिगुण
  • कैमूर ,
  • 13 मई 2021,
  • अपडेटेड 8:04 PM IST
  • बक्सर में नदी में ढेरों लाश मिलने के बाद यूपी सरकार ने लिया फैसला
  • रोक लगाए जाने के बाद बॉर्डर से शव के साथ वापस लौट रहे वाहन
  • संस्कार रोकेंगे तो यूपी वालों को गया में पिंडदान नहीं करने देंगेः स्थानीय लोग

बिहार के कैमूर जिले से बड़ी खबर आ रही है, जहां बिहार के शवों का यूपी में दाह संस्कार करने पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रोक लगा दी है. यूपी सरकार ने सोमवार शाम से ही पुलिस प्रशासन को बिहार से आने वाले शव को यूपी में प्रवेश नहीं दिए जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं.

सरकारी फैसले के बाद अब तक कैमूर के बिहार-यूपी बॉर्डर से एक दर्जन से अधिक शव को वापस कराया जा चुका है. यूपी सरकार के इस फरमान के बाद कैमूर के लोगों ने भी कहा कि अगर बिहार के शवों का यूपी में सरकार दाह संस्कार नहीं करने देगी, तो हम लोग यूपी वालों को बिहार के गया में होने वाले पिंडदान को भी नहीं होने देंगे. उनको भी बॉर्डर पर रोकेंगे.

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बिहार और यूपी दोनों जगहों पर एनडीए सरकार है. बक्सर के चौसा में नदी में तैरते लाश मिलने के बाद यूपी सरकार ने बिहार के शव का दाह संस्कार पर यूपी में पूरी तरह से रोक लगा दिया है जिसके बाद वाहन बॉर्डर से वापस लौट रहे हैं.

बॉर्डर से ही लौटाए जा रहे शव (फोटो-आजतक)

फैसले से कैमूर के लोग परेशान

बिहार के शव को यूपी ले जाने पर यूपी सरकार ने पूरी तरह से रोक लगा दी है. सभी बॉर्डर इलाके में चेकपोस्ट बनाकर विधिवत पुलिस की तैनाती कर दी गई है और सभी शवों को एक-एक कर लौटाया जा रहा है. यूपी के अधिकारियों की मानें तो सोमवार शाम से ही सरकार द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है. इसमें कैमूर के लोगों का हाल बहुत बुरा है.

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कैमूर, रोहतास और औरंगाबाद जिले का सटा राज्य यूपी होने के कारण गंगा नदी के किनारे शव को जलाने की परंपरा है. जिससे दर्जनों शव प्रतिदिन कैमूर के रास्ते होते हुए यूपी जाते हैं. लेकिन यूपी सरकार द्वारा रोक लगा देने के बाद अब लोग शव लेकर जाते तो हैं लेकिन बिना दाह संस्कार किए वापस चले आते हैं.

'यूपी के लोगों का नहीं होने देंगे पिंडदान'

ग्रामीण बताते हैं कि हम लोग बाप दादा के जमाने से अगर गांव में किसी की भी मौत होती है तो यूपी में गंगा नदी के किनारे शव जलाकर अस्थियां गंगा में विसर्जित करते हैं. यह शुरू से ही परंपरा चली आ रही है. हम लोगों ने कभी नहीं सुना कि किसी के शव को कोई सरकार रोक दे. पहली बार ऐसा हो रहा है कि शव लेकर लोग जा रहे हैं तो यूपी पुलिस वापस लौटा दे रही है. कह रही है कि बिहार के शव का यूपी में दाह संस्कार नहीं होगा जिससे खासी परेशानी हो रही है.
 
यूपी बॉर्डर पर तैनात पुलिस के जवान बताते हैं कि उच्च अधिकारियों द्वारा निर्देश दिया गया है कि बिहार के तरफ से किसी भी शव के वाहन को यूपी में प्रवेश नहीं करने दिया जाए. जिनके निर्देश का पालन करते हुए हम लोग सोमवार की रात से ही बिहार के तरफ से यूपी आने वाले शव वाहनों को रोककर उन्हें वापस बिहार भेज दे रहे हैं.

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वहीं समाजसेवी सतीश यादव का कहना है कि कभी भी शव को रोकने की परंपरा नहीं रही है. जब शव एक बार घर से जलाने के लिए चला जाता है तो फिर लौटकर वापस नहीं आता. लेकिन योगी सरकार द्वारा पहली बार बिहार के शव को यूपी में दाह संस्कार करने पर रोक लगा दिया गया है. जिससे हम लोग सरकार को अल्टीमेटम देते हैं कि अगर सरकार बिहार के शव का यूपी में दाह संस्कार करने नहीं देगी तो हम लोग भी यूपी के लोगों का बिहार के गया में पिंडदान करने नहीं देंगे.

उन्होंने कहा कि समय रहते सरकार चेत जाए अन्यथा पिंडदान के समय हम लोग भी यूपी वालों की गाड़ियों को बिहार में प्रवेश वर्जित कर देंगे.

 

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