
राजस्थान के उदयपुर में हुई कन्हैया लाल की हत्या के बाद कमलेश तिवारी हत्याकांड भी चर्चा में आ गया है. यूपी की राजधानी लखनऊ में 18 अक्टूबर 2019 को कमलेश तिवारी की कट्टरपंथियों ने निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी. हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की उनके कार्यालय में घुसकर हुई हत्या के जख्म लोगों के जेहन में ताजा हो गए हैं.
कमलेश तिवारी की पत्नी किरण तिवारी ने आजतक से बात करते हुए कहा कि तब हत्या के मामले में गिरफ्तार 13 में से पांच आरोपी जमानत पर बाहर आ चुके हैं. मुख्य आरोपी तनवीर को पुलिस पकड़ नहीं पाई. उन्होंने कहा कि जो लोग जमानत पर बाहर आ गए हैं, उनसे हमारी जान को खतरा है. वे कब आकर हमारी हत्या कर जाएं, डर लगा रहता है.
किरण तिवारी ने कहा मुख्य साजिशकर्ता की गिरफ्तारी न होने को लेकर पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए और साथ सरकार को भी कठघरे में खड़े किया. उन्होंने कहा कि घटना के तीन साल बीत चुके हैं लेकिन मुख्य साजिशकर्ता अब तक पकड़ा नहीं गया. क्या सरकार एक और मर्डर कराना चाहती है? क्या सरकार अब इस इंतजार में है कि कब हमारा मर्डर हो और वे राजनीति करें? किरण तिवारी ने कहा कि हमको सरकार की तरफ से जो सरकारी आवास मिला है, वो गरीबी रेखा के नीचे वाले लोगों को जो मिलता है वह भी दुबग्गा इलाके में. इस इलाके में चारो तरफ रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं.
उन्होंने कहा कि हम आज तक उस आवास को देखने भी नहीं गए. हमें ऐसा आवास नहीं चाहिए. सरकार अपना दिया हुआ आवास वापस ले ले. अगर हम अपने बच्चों के साथ सड़क पर भी बैठेंगे तो कम से कम हमारी सुरक्षा तो रहेगी. हम वहां गए तो निश्चित रूप से हमारी हत्या हो जाएगी. किरण तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लखनऊ से केस प्रयागराज डिस्ट्रिक्ट जज की कोर्ट में ट्रांसफर हो गया है. अब हमें सुनवाई के दौरान प्रयागराज कोर्ट जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों को लेकर सुनवाई के लिए प्रयागराज कोर्ट जाते हैं, ऐसे में हमारी जान का खतरा है.
हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की पत्नी ने कहा कि हमें एक सुरक्षा गार्ड मुहैया कराया गया है. जब कभी ऐसी परिस्थिति आएगी तब वो अपनी जान बचाएगा कि हमारी. उन्होंने कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में अशफाक और मोइनुद्दीन को तत्काल फांसी दी जाए. किरण तिवारी ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार से वादे के मुताबिक अपने बेटे को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की और कहा कि हमारी 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग को भी पूरा किया जाए. 15 लाख रुपये में गुजारा मुश्किल है.
उन्होंने अपनी मांग पूरी करने के लिए सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया और कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर आत्मदाह कर लेंगे. किरण तिवारी ने ये भी कहा कि कमलेश तिवारी की हत्या के बाद हमने तब कानून मंत्री रहे बृजेश पाठक से मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की मांग की थी. आश्वासन भी मिला था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आखिर हम किससे न्याय की भीख मांगने जाएं. कम से कम हमको सरकार और कोर्ट से तो न्याय मिले. उन्होंने बड़े बेटे को नौकरी देने की मांग करते हुए कहा कि बड़ा बेटा एलएलबी की पढ़ाई कर रहा है. उसकी नौकरी की फाइल आजतक मुख्यमंत्री के पास नहीं पहुंची है.
कन्हैया की हत्या ने हरे कर दिए जख्म
कमलेश तिवारी की पत्नी ने कहा कि उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या ने मेरे जख्म हरे कर दिए. उन्होंने भावुक होकर कहा कि जिस दिन से कन्हैया लाल की हत्या हुई है, मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा. मेरे पति के साथ भी ऐसी ही घटना हुई थी जिसमें दो लोग शामिल थे. उन्होंने कहा कि हत्यारे घटना को अंजाम देकर चले जाते हैं और हम सरकार के आसरे पर न्याय की उम्मीद के साथ बैठे रहते हैं. हत्यारोपियों को 10 साल के लिए जेल में डाल दिया जाता है. किरण तिवारी ने ऐसे मामलों में तत्काल फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि हमारे पति राम मंदिर के पक्षकार थे. वे 15 बार जेल गए. पुलिस की लाठियां खाईं. उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत केस चला. किरण तिवारी ने कहा कि कमलेश तिवारी 11 महीने बाद जेल से बाहर आए. तब हिंदुओं के लिए काम करने वाले मेरे पति का केस हरिशंकर जैन ने लड़ा था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक संत हैं और संत को हम भगवान समझते हैं. किरण तिवारी ने सरकार से न्याय दिलाने और परिवार के साथ किए वादे पूरे करने की अपील की है.