Advertisement

बिकरू कांड: पुलिस डायरी में अभी भी जीवित हैं सीओ देवेंद्र मिश्रा

मामले का खुलासा होते ही पुलिस महकमे के लोग चौंक गए. इस मामले पर एसपी ब्रजेश कुमार ने सफाई दी है. उनका कहना है कि तकनीकी खराबी के कारण ऐसा हुआ है और उनका नाम दर्ज हो गया.

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा (Photo: File) शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा (Photo: File)
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 13 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 6:21 PM IST
  • तकनीकी खराबी के कारण ऐसा हुआ है
  • इस मामले पर एसपी ब्रजेश कुमार ने सफाई दी
  • फिलहाल इसको भी सही कर दिया गया

उत्तर प्रदेश के बिकरू कांड में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा आज भी जीवित हैं और यह कानपुर के बिल्हौर थाने की पुलिस ही बता रही है. इतना ही नहीं पुलिस ने दिवंगत सीओ देवेंद्र मिश्रा को जांच अधिकारी बना दिया है. लिखित एफआईआर डायरी में उनका नाम अंकित करते हुए एक फाइल न्यायालय भेज दी गई है, जबकि 2 जुलाई की रात आठ पुलिसकर्मियों सहित देवेंद्र मिश्रा की बिकरू गोलीकांड में मौत हो गई थी.

Advertisement

दरअसल, कानपुर के बिल्हौर थाना क्षेत्र के मल्लापुर गांव में रहने वाले एक किसान का शव हाल ही में उसके खेत में मिला था. इसके बाद मृतक के पुत्र द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिसको दर्ज करते समय पुलिस कर्मचारी ने प्रार्थना पत्र के अनुसार हत्या की दिनांक चार अक्टूबर 2020 लिखी है. फिर पूरे घटनाक्रम के बाद जांच अधिकारी के नाम की जगह देवेन्द्र मिश्रा अंकित किया गया है.

देखें: आजतक LIVE TV

इस मामले का खुलासा होते ही पुलिस महकमे के लोग चौंक गए. इस मामले पर एसपी ब्रजेश कुमार ने सफाई दी है. उनका कहना है कि तकनीकी खराबी के कारण ऐसा हुआ है और उनका नाम दर्ज हो गया. आगे पीछे के सभी रिकार्ड में वर्तमान सीओ संतोष का ही नाम दर्ज है. फिलहाल इसको भी सही कर दिया गया है.

Advertisement

बता दें कि 2 जुलाई को कानपुर में विकास दुबे और उसके साथियों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित 8 पुलिस वालों को रात के अंधेरे में घात लगाकर मार डाला था. जिसके बाद उत्तर प्रदेश का गैंगस्टर विकास दुबे आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी बन गया था. 

कानपुर के बिकरू गांव में उस रात विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम का नेतृत्व सीओ देवेंद्र मिश्रा कर रहे थे. जिन्हें घेर कर बेरहमी के साथ जान से मार दिया गया था. देवेंद्र मिश्रा को कुल चार गोलियां मारी गई थीं और चारों ही गोलियां बेहद करीब से मारी गई थीं.

ये भी पढ़ें:

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement