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कानपुर मुठभेड़ में प्रतापगढ़ का लाल शहीद, घर में मचा कोहराम

शहिद अनूप सिंह की पोस्टिंग कानपुर जिले में हुई थी. कानपुर में देर रात शातिर बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए.

कानपुर मुठभेड़ में शहीद हुए प्रतापगढ़ जिले के उप निरीक्षक अनूप सिंह कानपुर मुठभेड़ में शहीद हुए प्रतापगढ़ जिले के उप निरीक्षक अनूप सिंह
aajtak.in
  • प्रतापगढ़,
  • 03 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST

  • उप निरीक्षक अनूप सिंह के गांव बेलखरी में छाया मातम
  • जिले के आलाधिकारी पहुंचे शहीद के गांव, आंखें हुईं नम

कानपुर में बदमाशों से मुठभेड़ में शहीद उप निरीक्षक अनूप सिंह के गांव में मातम छाया हुआ है. अनूप के शहादत की खबर मिलते ही आसपास के गांव के लोग, रिश्तेदार घर पर जमा हो गए. तो वहीं, जिले के आलाधिकारी शहीद के गांव बेलखरी पहुंचे. जब अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी सुरेंद्र द्विवेदी ने शहीद के बेटे को गोंद में लिया तो वह अपने पिता को याद करने लगा जिसे देख सभी आंखें नम हो गईं.

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शहीद अनूप के पिता रमेश बहादुर सिंह रिटायर्ड रेलवे कर्मचारी हैं. उनके तीन बेटों में से दूसरे अनूप थे. अनूप के दो मासूम बच्चों में बड़ी बेटी गौरी और बेटा सूर्यांश है. शहीद अनूप की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई. आगे की पढ़ाई इलाहाबाद के विश्वविद्यालय में हुई. वर्ष 2004 में उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती में चयन हुआ. उसके बाद 2013-14 एसआई में भर्ती हुए.

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वहीं, अनूप सिंह के जाने से पत्नी नीतू सिंह और बेटी गौरी, बेटे सूर्यांश सिंह का रो-रो कर बुरा हाल है. शहिद अनूप सिंह की पोस्टिंग कानपुर जिले में हुई थी. कानपुर में देर रात शातिर बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए.

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एडीजी जय नारायण सिंह ने घटना की पुष्टि की है. चार पुलिसकर्मी घायल भी हैं. घटना कानपुर में चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव की है. पुलिस शातिर बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई थी. जान गंवाने वालों में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा और एसओ शिवराजपुर महेश यादव और प्रतापगढ़ जिले के उप निरीक्षक अनूप सिंह भी शामिल हैं.

सूत्रों ने बताया गया है कि विकास और उसके साथियों की फायरिंग में एसओ बिठूर, एक दरोगा समेत कई पुलिसकर्मियों को भी गोली लगी. दो सिपाहियों के पेट में गोली लगी जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस के आलाधिकारी और कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई है.

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गुरुवार रात करीब साढ़े 12 बजे बिठूर और चौबेपुर पुलिस ने मिलकर विकास दुबे के गांव बिकरू में उसके घर पर दबिश दी. विकास और उसके 8, 10 साथियों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. घर के अंदर और छतों से गोलियां चलाई गईं, जिसमें एसओ कौशलेंद्र के एक गोली जांघ और दूसरी हाथ पर लगी.

इसके अलावा सिपाही अजय सेंगर, अजय कश्यप, सिपाही शिवमूरत, दरोगा प्रभाकर पांडेय, होमगार्ड जयराम पटेल समेत सात पुलिसकर्मियों को गोलियां लगीं. सेंगर और शिवमूरत के पेट में गोली लगी. दोनों की हालत गंभीर है. सूचना के बाद कई थानों की फोर्स गांव पहुंची और घायलों को लेकर अस्पताल लाया गया.

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सूत्रों के अनुसार जिस तरीके से हमला हुआ, उससे आशंका है कि बदमाशों को पुलिस की दबिश की भनक मिल गई थी. जिस कारण उन्होंने तैयारी करके पुलिस पर हमला किया. पुलिस ने बताया कि विकास दुबे खूंखार अपराधी है, इस पर 2003 में शिवली थाने में घुसकर तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप लगा था. बाद में, वह इस केस से बरी हो गया था. इसके अलावा विकास पर प्रदेश भर में दो दर्जन से ज्यादा गंभीर केस दर्ज हैं.

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