
जिस उम्र में मासूम बच्चे अकेले घर से निकलने में डरते हैं, उसी उम्र में कन्नौज की दो मासूम बच्चियां अपने घर से 100 किलोमीटर दूर भाग गईं ताकि उन्हें स्कूल नहीं जाना पड़ा. रास्ते में पुलिस ने इनसे पूछा कि तुम्हारे मां-बाप कहां हैं? तो दोनों कहने लगी कि मेरे मम्मी पापा की डेथ हो गई है, चाचा हमें मारते हैं इसलिए हम घर से भागकर नानी के यहां जा रहे हैं.
हकीकत यह है कि इन दोनों के मम्मी-पापा जीवित हैं और दोनों स्कूल नहीं जाना चाहती थी. इस वजह से दोनों कानपुर पहुंच गई. कानपुर पुलिस ने इन दोनों को पकड़ा और घर वालों को बताया तो सारी हकीकत सामने आई. कन्नौज के गुरसहायगंज की पुलिस से कानपुर पुलिस ने दोनों बच्चों की फोटो भेज कर जब हकीकत पता कराई तो सारी पोल खुल गई.
कन्नौज के गुरसहाय गंज की रहने वाली प्रीति की दो मासूम बच्चियां हैं. 5 साल की खुशी और 3 साल की रश्मि. प्रीति के पति छुट्टन सिंह प्राइवेट बस ड्राइवर है. छुट्टन अपनी बच्चियों को पढ़ाने के लिए हर तरह का प्रयास करते रहते हैं. शनिवार को दोनों बच्चों को स्कूल जाने को कहा. दोनों घर से निकले और कुकुर शाहगंज स्टेशन से ट्रेन पर बैठ कर सीधे कानपुर आ गईं.
कानपुर में रावतपुर स्टेशन पर उतर गईं और इधर उधर भटकने लगी. सबसे पूछने लगी कि मुझे अपनी नानी के घर जाना है, मेरे मम्मी-पापा नहीं है, उनकी मौत हो गई है, चाचा घर में रखते थे, वह हमको घर में मारते हैं इसलिए हम घर से भागे हैं. इनका कहना था कि मेरे पिता की मौत 3 साल पहले हुई थी और 1 साल पहले मेरी मम्मी की मौत हो गई.
इसी बीच ये सूचना किसी ने सखी पुलिस चौकी को दे दी, जहां से आई महिला सिपाही कुसुम भदौरिया दोनों को पुलिस चौकी ले आईं. जब उन्होंने गुरसहायगंज थाने की पुलिस को इसकी सूचना दी तो पता चला दोनों बच्चियां अपनी पढ़ाई न करने के चक्कर स्कूल से भाग गई थीं, दोनों के मां-बाप जिंदा है. दोनों बच्चियों को उन्हें सौंप दिया गया.