
कानपुर हिंसा मे साजिश की एक एक परत को पुलिस लगातार उधेड़ते जा रही है. प्रशासन अब 100 से ज्यादा उन घरों इमारतों की पहचान का प्लान कर रहा है, जो पथराव के अड्डे बने हुए थे. इन घरों की जांच के बाद अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर कभी भी गरज सकता है. पथराव के मामले में अब तक 50 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.
इस बीच पुलिस की ओर से आरोपियों का एक और पोस्टर जारी किया जा सकता है. शहर में लगातार फ्लैग मार्च जारी है और फॉरेंसिंक टीम मौके पर पहुचंकर सबूतों की तलाश का ऑपरेशन शुरु कर चुकी है. इसके साथ ही हिंसा वाली जगह पर आज नगर निगम का बुलडोजर पहुंच गया है. बुलडोजर के जरिए फेंके गए पत्थरों को ट्रक में लादा जा रहा है.
बुधवार सुबह-सुबह हिंसाग्रस्त इलाके में कानपुर नगर निगम का ट्रक और बुलडोजर पहुंचा. इसके बाद पत्थर बंटोरने का काम शुरू हो गया है. इन्ही पत्थरों से शुक्रवार को पत्थरबाजी हुई थी. फॉरेंसिक टीम के सबूत इकट्ठा करने के बाद अब इन पत्थरों को भरा जा रहा है. बताया जा रहा है कि इलाके में कई ट्रक पत्थर बिखरे हुए हैं, जिन्हें इकट्ठा किया जा रहा है.
कानपुर हिंसा मामले में आरोपियों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है. अब तक पुलिस 50 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. कानपुर में हुए बवाल का पीएफआई कनेक्शन भी सामने आया है. पुलिस ने पीएफआई के 3 सदस्यों- सैफुल्लाह, मोहम्मद नसीम और मोहम्मद उमर को भी गिरफ्तार कर लिया है.
तीनों आरोपी सीएए और एनआरसी हिंसा में भी गिरफ्तार किए गए थे. कानपुर के पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, हिंसा में पीएफआई के कुल 5 सदस्यों की पहचान हो चुकी है, जिसमें एक सदस्य फरार बताया जा रहा है जबकि एक काफी बीमार है. हिंसा करने वालों के चौराहों पर जो पोस्टर लगाए गए हैं, उनमें सरेंडर मिलाकर 6 गिरफ्तारी हो चुकी है.