
देशभर में महिलाओं ने बुधवार को अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदू धर्म की महिलाओं के साथ कुछ मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने भी करवा चौथ का त्यौहार मनाया. मुस्लिम महिलाओं के करवा चौथ मनाने को लेकर दारुल उलूम देवबंद के मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि इस्लाम को समझने वाले ऐसा बिल्कुल नहीं करेंगे. इस्लाम में सिर्फ रोजा रखने की इजाजत है, बाकी कोई दूसरे धर्मों के त्योहार मना रहे हैं तो उसकी अपनी आजादी है.
लखनऊ में रहने वाली गुलनाज अंजुम खान ने बुधवार को अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था. इतना ही नहीं पूरा व्रत हिंदू रीति रिवाज के साथ मनाया था, जिसे लेकर देवबंद के मुफ्ती और इत्तेहाद उलेमा ए हिन्द से जुड़े हुए असद कासमी ने कहा, इस्लाम को जो मानता और समझता है वो ऐसा बिल्कुल नहीं कर सकता, क्योंकि ये इस्लाम में जायज नहीं.
उन्होंने कहा कि इस्लाम क्या है उसके क्या नियम है ये सबको पता है. इस्लाम मे सिर्फ रोजा रखने की इजाजत है, इसके अलावा यदि कोई दूसरे धर्म के त्यौहार को मना रहा है तो वो उसकी अपनी आजादी है. इस्लाम किसी के ऊपर कोई जबरदस्ती नहीं करता है, लेकिन इस्लाम में करवा चौथ की परंपरा नहीं है.
बयान पर नाराजगी
वहीं, बीजेपी नेता और पूर्व सांसद विनय कटियार के द्वारा दारूल उलूम देवबंद पर दिए गए बयान को लेकर देवबंद के उलेमाओं ने नाराजगी जाहिर की है. देवबंद में मोबाइल फतवा विभाग के चेयरमैन मुफ्ती मोहम्मद अरशद फारूकी ने विनय कटियार को नसीहत देते हुए कहा दारुल उलूम में हमेशा से इस्लामी शिक्षा और इंसानियत प्यार मोहब्बत ही पढ़ाया जाता रहा है.
उन्होंने कहा कि दारुल देवबंद का देश की आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है, दारुल उलूम पर बिना वजह उंगली उठाना सही नही है. अरशद फारूकी ने कहा कि मोहम्मद साहब के कार्टून बनाने को लेकर दारुल उलूम ने चिट्ठी बयान जारी कर जो किया वो बिल्कुल सही है. फ्रांस मामले को लेकर पूरी दुनिया के मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई है. दारुल उलूम द्वारा जो विरोध दर्ज करवाया गया वो सही है.
बता दें कि देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी ने लिखित बयान जारी कर सरकार के प्रति अफसोस जताया है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी बेहद ही निंदनीय है. उन्होंने कहा है कि भारत सरकार के कदम से देश के 20 करोड़ मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई है. भारत विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का देश है. इसलिए भारत सरकार को उदारवादी कदम उठाने चाहिए.