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राज्यपाल राम नाईक बोले- UP के लिए कलंक है कासगंज की घटना, कड़े कदम उठाए सरकार

राम नाईक ने कड़ा बयान देते हुए कहा कि कासगंज की यह घटना उत्तर प्रदेश के लिए कलंक साबित हुई है. सरकार उसकी जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे दोबारा ऐसा कुछ ना हो.

फाइल फोटो फाइल फोटो
मोहित ग्रोवर
  • लखनऊ, UP,
  • 29 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में फैली हिंसा अब थम गई है. शहर अब धीरे-धीरे सामान्य परिस्थिति की तरफ लौट रहा है. इसी बीच उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने बड़ा बयान दिया है. राज्यपाल ने कहा कि जो कासगंज में हुआ है वो किसी को भी शोभा नहीं देता है.

राम नाईक ने कड़ा बयान देते हुए कहा कि कासगंज की यह घटना उत्तर प्रदेश के लिए कलंक साबित हुई है. सरकार उसकी जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे दोबारा ऐसा कुछ ना हो. गौरतलब है कि कासगंज हिंसा पर राज्यपाल का यह बयान योगी सरकार के लिए एक कड़ा संदेश साबित हो सकता है.

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आपको बता दें कि सोमवार को मृतक चंदन गुप्ता के परिजनों ने 20 लाख मुआवजे का चेक लेने से इनकार कर दिया है. मिली जानकारी के अनुसार, मृतक चंदन गुप्ता के परिजन हिंसा के बाद से धरने पर बैठे हैं. सोमवार को कासगंज के डीएम आरपी सिंह समेत आला अधिकारी मृतक चंदन के परिजनों को मुआवजे का चेक देने पहुंचे थे. लेकिन उन्होंने चेक लेने से मना कर दिया.

क्या हुआ था कासगंज में ?  

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. पुलिस ने इस मामले में अब तक 112 लोगों को गिरफ्तार किया है. लिहाजा अब कर्फ्यू हटा लिया गया है. इलाके पर ड्रोन कैमरों की मदद से नजर रखी जा रही है.

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दरअसल, VHP और ABVP के कार्यकर्ताओं ने तिरंगा यात्रा निकाली थी. तिरंगा यात्रा जब बिलमार गेट के पास एक विशेष समुदाय के मोहल्ले से गुजरने लगा तो तिरंगा यात्रा निकाल रहे युवकों ने भड़काऊ नारेबाजी की, जिससे दो गुटों में झड़प शुरू हो गई. झड़प इतनी बढ़ी की इसने हिंसा का रूप ले लिया.

दोनों पक्षों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई और गोलियां भी चलीं. फायरिंग में एक युवक चंदन गुप्ता की मौत हो गई. युवक की मौत के बाद हिंसा ने उग्र रूप ले लिया. उपद्रवियों ने जमकर दुकानों में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी की. रात होते-होते इलाके में भारी पुलिस और सुरक्षा बल तैनात करना पड़ा और कर्फ्यू लगा दिया गया.

रात भर माहौल शांत लेकिन तनावपूर्ण बना रहा. वारदात के दूसरे दिन भी शहर में हिंसा जारी रही. उपद्रवियों ने तीन दुकानों, दो निजी बसों और एक कार को आग के हवाले कर दिया था. प्रशासन ने रविवार रात दस बजे तक इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया था ताकि सोशल मीडिया के जरिए फैलने वाली अफवाहों को रोका जा सके.

रैपिड एक्शन फोर्स और पीएसी के जवान लगातार चौकसी कर रहे हैं. जिले की सीमाएं सील कर दी गयी हैं ताकि शांति भंग करने का प्रयास करने वालों को शहर में प्रवेश से रोका जा सके. आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक, अलीगढ के मंडलायुक्त, अलीगढ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक लगातार मौके पर हैं.

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