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बिरजू महाराज की अस्थियां गंगा में प्रवाहित, अस्सी घाट पर दर्शन के लिए लगी प्रशंसकों की भीड़

बिरजू महाराज की पोती ने बताया था कि वह अगले महीने 84 साल के होने वाले थे. महाराज-जी परिवार और शिष्यों से घिरे हुए थे और वे रात के खाने के बाद 'अंताक्षरी' खेल रहे थे कि अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई.

बिरजू महाराज बिरजू महाराज
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी,
  • 23 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:53 AM IST
  • लखनऊ घराने से था बिरजू महाराज का ताल्लुक
  • पोते ने सोशल मीडिया पर दी थी निधन की जानकारी

कथम सम्राट और  पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित पंडित बिरजू महाराज का अस्थि कलश शनिवार को विसर्जन के लिए वाराणसी के अस्सी घाट पहुंचा. बनारस घराने सहित कई प्रशंसक उनके अस्थि कलश के अंतिम दर्शन करने पहुंचे. विसर्जन से पहले उनके घाट पर विधि-विधान से अस्थि पूजन किया गया. बता दें कि 16 जनवरी की देर रात 83 साल की उम्र में हार्ट अटैक से दिल्ली में उनका निधन हुआ था. 

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बिरजू महाराज का असली नाम बृजमोहन मिश्रा था. उनका जन्म 4 फरवरी, 1938 को लखनऊ में हुआ था. लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज के पोते स्वरांश मिश्रा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उनके देहांत की जानकारी दी थी.

शिष्यों और परिवार के साथ अंताक्षरी खेलते हुए बिगड़ी तबियत

उनकी पोती ने बताया था कि वह अगले महीने 84 साल के होने वाले थे. महाराज-जी परिवार और शिष्यों से घिरे हुए थे और वे रात के खाने के बाद 'अंताक्षरी' खेल रहे थे कि अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई. वे गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे और उनका डायलिसिस चल रहा था. उनकी पोती ने कहा कि संभवत: कार्डियक अरेस्ट से उनकी मृत्यु हुई. हम उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन बचा नहीं सके.

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