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डीप नेकलाइन टॉप नहीं पहन सकेंगी लेडी डॉक्टर, जींस-टीशर्ट और कैप्री पर भी KGMU ने लगाई रोक

KGMU स्टूडेंट और रेजिडेंट  डॉक्टर अपने डिपार्टमेंट या प्रैक्टिस में ड्यूटी के दौरान जींस-टीशर्ट और महिला डॉक्टर डीप नेकलाइन टॉप में नहीं आ सकेंगी. अब महिला डॉक्टरों को सफेद एप्रिन के साथ नेम प्लेट और आई कार्ड पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर) (प्रतीकात्मक तस्वीर)
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 18 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:50 AM IST

UP News: राजधानी लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के डॉक्टर अब जींस-टीशर्ट और डीप नेक टॉप नहीं पहन सकेंगे. केजीएमयू प्रशासन ने इसको लेकर सभी मेडिकल स्टूडेंट्स को निर्देश दे दिए हैं. हालांकि, ड्यूटी अवर्स के बाद डॉक्टर्स को मन मुताबिक कपड़े पहनने की छूट है.

जानकारी के मुताबिक, केजीएमयू स्टूडेंट और रेजिडेंट  डॉक्टर अपने डिपार्टमेंट या प्रैक्टिस में ड्यूटी के दौरान जींस-टीशर्ट और महिला डॉक्टर डीप नेकलाइन टॉप में नहीं आ सकेंगी. इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं. अब महिला डॉक्टरों को सफेद एप्रिन के साथ नेम प्लेट और आई कार्ड पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. नए छात्रों के इंडक्शन मीट के दौरान इस बारे में घोषणा भी कर दी गई.

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नए निर्देशों के मुताबिक, केजीएमयू के सभी रेजिडेंट डॉक्टर अब ड्यूटी के समय वार्ड में जींस, योगा पैंट्स, पोलो शर्ट और कैप्री नहीं पहन सकेंगे और छात्राओं में डीप नेक लाइन टॉप्स पहनने से मना कर दिया है. 

केजीएमसी के पीआरओ डॉ. सुधीर के मुताबिक, यह निर्देश सभी डॉक्टरों को दिया गया है कि ड्यूटी के दौरान वह जींस टीशर्ट और डीप नेक टॉप नहीं पहन सकेंगे. उनको फॉर्मल ड्रेस पहनने की ही अनुमति होगी, जो केजीएमयू की तरफ से तय की गई है. हालांकि, थर्ड ईयर के बाद में यूनवसिर्टी के छात्र-छात्राएं मनमुताबिक से कपड़े पहन सकते हैं. 

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी चिकित्सा के क्षेत्र में नए नए प्रयोगों को लेकर सुर्खियों में रहती है. बीते दिन ही इस यूनवर्सिटी के डॉक्टर्स ने एक युवती की आंत को काटकर जननांग बना दिया. 

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दरअसल, महिला का जननांग नहीं था और शादी तय हो गई थी अब ऐसे में घर वालों को लग रहा था कि पति साथ रखेगा कि नहीं? परिवार भी परेशानी से गुजर रहा था और इस बात को लेकर केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग में बातचीत की गई.

डॉक्टरों ने फैसला लिया कि ऑपरेशन किया जाएगा, जिसके बाद उसकी आंत से 10 सेंटीमीटर का टुकड़ा निकाला गया और उसके बाद जननांग बना दिया गया. तकरीबन 8 घंटे इस ऑपरेशन को किया गया, जिसको सिग्मॉइड वैजिनोप्लास्टी (sigmoid vaginoplasty) कहते हैं. 

 

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