
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. इस मामले में 7 नवंबर को अगली सुनवाई होगी. इस केस में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है.
आरोपी की जमानत याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि मिश्रा 10 महीने से जेल में है. सुप्रीम कोर्ट जमानत याचिका पर पहले नोटिस जारी कर चुका है. इस मामले में हाईकोर्ट पहले ही मिश्रा को जमानत दे चुका था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी.
HC ने दे दी थी जमानत
शुरुआत में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 10 फरवरी को मिश्रा को जमानत दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2022 में यह देखते हुए कि उच्च न्यायालय ने अप्रासंगिक विचारों को ध्यान में रखा और प्रासंगिक कारकों की अनदेखी की, हाईकोर्ट का फैसला पलट दिया. इसके बाद जमानत अर्जी हाईकोर्ट में भेज दी गई. सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश मृतक किसानों के परिजनों की अपील पर आया था.
लखीमपुर खीरी हिंसा में 8 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान आठ लोगों की जान चली गई थी. यह घटना तब हुई जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र के दौरे का विरोध कर रहे थे. उत्तर प्रदेश पुलिस की FIR के अनुसार किसानों को एक एसयूवी कार ने कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा सवार था.
गुस्साए किसानों ने ड्राइवर समेत 2 की कर दी थी हत्या
घटना के बाद गुस्साए किसानों ने चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस हिंसा की घटना में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी. इस साल 18 अप्रैल को, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द कर दिया था और उन्हें एक सप्ताह में सरेंडर करने का निर्देश दिया था.