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Lakhimpur Kheri Case: यूपी सरकार ने दाखिल किया जवाबी हलफनामा, पीड़ित परिवारों के आरोपों को बताया बेबुनियाद

Lakhimpur Kheri Case: लखीमपुर हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट में है. चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. इस मामले में यूपी सरकार ने जवाबी हलफनामा दाखिल किया है.

लखीमपुर खीरी हिंसा (फाइल फोटो) लखीमपुर खीरी हिंसा (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 29 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 6:13 PM IST
  • पिछले साल 3 अक्टूबर हो हुई थी हिंसा
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दे दी थी जमानत

Lakhimpur Kheri Case: लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में एक नया मोड़ आया है. यूपी सरकार ने पीड़ित परिवारों की आरोपों से इनकार कर दिया है. जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत देते समय अपराध की गंभीरता पर ध्यान नहीं दिया गया. अब आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करते हुए यूपी सरकार ने पीड़ित परिवारों के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

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यूपी सरकार की ओर से कहा गया है कि आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ अपील दायर करने का फैसला संबंधित अधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है. इसके साथ ही ये आरोप पूरी तरह से गलत है कि यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध नहीं किया. इलाहाबाद HC में भी आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया गया था.

यूपी सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा में एक गवाह पर हमला करने के आरोपों से भी इनकार करते हुए कहा है कि होली पर रंग फेंकने को लेकर निजी विवाद हुआ था. इसको लेकर गवाह पर हमला हुआ था.

दरअसल, लखीमपुर खीरी हिंसा केस के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. इस हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों ने आरोपी की जमानत रद्द करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी. उन्होंने याचिका में कहा था कि हाई कोर्ट ने जमानत देते समय अपराध की गंभीरता पर ध्यान नहीं दिया

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ये आरोप लगाया था पीड़ित परिवारो ंने

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत खारिज कर उसे फिर से जेल भेजे जाने की मांग वाली याचिका पर 30 मार्च यानी कल सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने यूपी सरकार से गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को इस मामले में जमानत दे दी थी. इससे असंतुष्ट होकर पीड़ित परिवारों के लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे.

यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने दिया था नोटिस

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था. चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह भी कहा था कि राज्य सरकार सभी गवाहों को सुरक्षा दे. CJI ने यूपी सरकार के वकील से पूछा था कि गवाह पर हमले का क्या मामला है? आप गवाह संबंधी सारी जानकारी हलफनामे में दीजिए.

 

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