
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए 4 किसानों और एक पत्रकार रमन कश्यप को श्रद्धांजलि देने के लिए तिकुनिया में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आखिरी अरदास कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस अवसर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक बाप-बेटों को गिरफ्तार कर जेल नहीं भेज दिया जाता तब तक यह पूछताछ महज दिखावा है.
घटना के 10 दिन बाद उसी तिकुनिया गांव में आखिरी अरदास कार्यक्रम आयोजित किया गया जहां पर 3 अक्टूबर को हिंसा हुई थी जिसमें 8 लोग मारे गए थे. उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से आए किसान नेताओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी इस आखिरी अरदास में शरीक हुए और मृतक किसानों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी.
प्रियंका गांधी भी पहुंचीं तिकुनिया
उत्तर प्रदेश की राजनीति में अचानक से सक्रिय हुईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए तिकुनिया गांव पहुंचीं. राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी भी कार्यक्रम में शरीक हुए. हालांकि किसी भी राजनीतिक दल के नेता या उसके नुमाइंदों को मंच पर मौका नहीं दिया गया. इसलिए तमाम सारे नेता जनता के बीच में ही बैठे दिखाई पड़े.
मौके पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने पत्रकारों से बातचीत नहीं की, लेकिन लोक दल के नेता जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार लगातार हमें रोकती रही है, लेकिन यह हमारा हक है कि हम उनके लिए आवाज़ उठाएं. जयंत चौधरी ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि जब तक आशीष मिश्रा के पिता और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को उनके पद से नहीं हटाया जाता और उनकी गिरफ्तारी नहीं होती तब तक किसानों को इंसाफ नहीं मिलेगा.
इसे भी क्लिक करें --- लखीमपुर खीरी हिंसाः गुरविंदर सिंह के आश्रम में सन्नाटा, साथी सेवादार ने बताया 3 अक्टूबर का खौफनाक मंजर
मृत किसानों की याद में स्मारक
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि तिकोनिया में ही मृत किसानों की याद में स्मारक बनाया जाएगा. राकेश टिकैत ने भी मंच से कहा कि आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी एक रेड कॉरपेट गिरफ्तारी है और गुलदस्ते के साथ उनसे पूछताछ की जा रही है.
आजतक से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं होती और उन्हें पद से निष्कासित नहीं किया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा जिसकी अगली रूपरेखा लखनऊ में आयोजित 26 अक्टूबर को होने वाले महापंचायत में सामने रखी जाएगी. मंच से संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक बाप-बेटों को गिरफ्तार करके आगरा जेल में नहीं रखा जाएगा और वहां से पुलिस रिमांड नहीं लेती तब तक यह पूछताछ महज दिखावा है.
मृतक किसानों के अस्थि कलश को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में भेजा जाएगा. संभावित भीड़ और नेताओं के आगमन को देखते हुए प्रशासन की ओर से चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी. बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासन की तैनाती की गई थी ताकि कहीं कोई अवांछित घटना ना हो. 18 अक्टूबर को किसानों ने रेल रोको का आह्वान किया है और उसके बाद 26 अक्टूबर को लखनऊ में महापंचायत होगी.