
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा (Lakhimour Kheri Violence) की आग सोमवार को थोड़ी शांत होती दिखाई दी. सोमवार को किसानों और सरकार के बीच समझौता भी हो गया. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) पर हत्या का केस भी दर्ज हो गया. हालांकि, तनाव और राजनीति अब भी जारी है. बीते दो दिनों में लखीमपुर हिंसा में क्या-क्या हुआ? आइए जानते हैं....
कैसे शुरू हुआ विवाद?
रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तय कार्यक्रम के तहत लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे. उन्हें रिसीव करने के लिए गाड़ियां जा रही थीं. ये गाड़ियां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बताई गईं. रास्ते में तिकुनिया इलाके में किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इससे झड़प हो गई. बाद में ऐसा आरोप लगाया गया कि आशीष मिश्रा ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे 4 लोगों की मौत हो गई. किसानों की मौत के बाद मामला बढ़ गया और हिंसा भड़क गई. हिंसा में बीजेपी नेता के ड्राइवर समेत चार लोगों की मौत हो गई. कुल मिलाकर इस हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है.
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राजनीति तेज हुई, प्रियंका समेत कई नेता हिरासत में
- रविवार रात से ही इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई थी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) समेत कई विपक्षी नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. प्रियंका अभी भी पुलिस हिरासत में ही हैं और उन्हें सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में रखा गया है. बताया जा रहा है कि गेस्ट हाउस के बाहर कांग्रेस प्रदर्शन भी कर रही है.
- यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी लखीमपुर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद अखिलेश सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. यहां भी हिंसा भड़क गई और गौतमपल्ली थाने के ठीक सामने पुलिस की एक गाड़ी को आग लगा दी गई.
- लखीमपुर हिंसा का शोर यूपी से लेकर दिल्ली और पंजाब तक सुनाई दिया. पंजाब में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने विधायकों के साथ राजभवन का घेराव किया, लेकिन उन्हें भी बाद में हिरासत में ले लिया गया. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) भी लखीमपुर जाना चाहते थे, लेकिन उनके विमान को एयरपोर्ट पर उतारने की इजाजत नहीं दी गई.
- आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह (Sanjay Singh), आरएलडी नेता जयंत चौधरी को रोक दिया गया. बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) को हाउस अरेस्ट कर लिया गया. भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने रोक लिया. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को लखनऊ से लौटना पड़ा.
- लखीमपुर हिंसा के विरोध में दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय और यूपी भवन के बाहर भी प्रदर्शन किया गया. ये प्रदर्शन कांग्रेस और कुछ छात्र संगठनों ने किया था. पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शन के मामले में 95 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिसमें 25 महिलाएं थीं. इनमें से 27 लोग युवा कांग्रेस, 15 एसएफआई और 11 आईसा के कार्यकर्ता थे.
राकेश टिकैत ने कराया समझौता
हालांकि, सोमवार शाम होते-होते तक मामला ठंडा पड़ता चला गया. दोपहर से ही सरकार किसानों को मनाने में जुट गई थी और इसमें मदद की किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने. राकेश टिकैत के जरिए प्रशासन समझौता कर सकी. हालांकि, राकेश टिकैत ने ये भी कहा कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो फिर महापंचायत की जाएगी.
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किन बातों पर बनी सहमति?
- हिंसा में मारे गए चारों किसानों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी.
- हिंसा में घायल हुए लोगों को 10 लाख रुपये का मुआवजा.
- इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे.
केंद्रीय मंत्री के बेटे का क्या हुआ?
किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने उनके ऊपर गाड़ी चढ़ाई थी. हालांकि, उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया है. किसानों ने आशीष मिश्रा के खिलाफ तिकुनिया थाने में हत्या का केस दर्ज कराया है. इस मामले पर अजय मिश्रा का कहना है कि उनका बेटा कार में नहीं था. इस मामले में अब तक दो एफआईआर दर्ज की गई है.
अब आगे क्या?
प्रशासन की ओर से कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है. लखीमपुर खीरी में अब भी तनाव की स्थिति बनी हुई है. यहां 6 अक्टूबर तक RAF और SSB की दो-दो कंपनियां तैनात रहेंगी. वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने कार्रवाई के लिए जो वक्त दिया है, अगर उस वक्त में कार्रवाई नहीं हुई तो महापंचायत की जाएगी.