
देश में हनुमान को लेकर सियासी बयानबाजी रुकने का नाम नहीं रही है. नेताओं के बीच हनुमान की जाति और धर्म को लेकर टिप्पणी करने की होड़ लगी हुई है. सबसे पहले राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित बताया था, जिसको लेकर विपक्ष ने करारा हमला बोला था. वहीं, योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद हर कोई अपने-अपने स्तर पर हनुमान की जाति और धर्म बताने लगा. बीजेपी में तो हनुमान की जाति और धर्म को बताने की होड़ सी मच गई.
अब योगी आदित्यनाथ के खेल और युवा कल्याण मंत्री चेतन चौहान ने हनुमान को खिलाड़ी बताया है. उन्होंने अपने इस दावे के समर्थन में दलील भी दी है. अमरोहा में उन्होंने कहा, 'हनुमान जी कुश्ती लड़ते थे और खिलाड़ी भी थे. जितने भी पहलवान लोग हैं, उनकी पूजा करते हैं. मैं उनको वही मानता हूं. वो हमारे ईष्ट हैं. भगवान की कोई जाति नहीं होती. मैं उनको जाति मैं नहीं बांटना चाहता.' चेतन चौहान योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री से पहले पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी भी हैं.
इससे पहले बीजेपी सांसद हरिओम पांडे ने हनुमान को ब्राह्मण बताया, तो बीजेपी सांसद उदित राज ने उनको आदिवासी बताया. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक बुक्कल नवाब ने हनुमान को मुसलमान करार दिया, तो उत्तर प्रदेश के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने उनको जात बता डाला. इसके अलावा बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने हनुमान को चीनी और आचार्य निर्भय सागर महाराज ने जैन बताया.
हनुमान पर बयानबाजी का सिलसिला CM योगी ने किया शुरू
हनुमान को लेकर सबसे पहला बयान यूपी के सीएम योगी ने दिया था, जिसमें उन्होंने 27 नवंबर को राजस्थान के अलवर में चुनावी रैली में भाषण के दौरान हनुमान को दलित बताया था. उन्होंने कहा था कि हनुमान वनवासी, वंचित और दलित थे. उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में जमकर विरोध हुआ था. योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद हर कोई अपने-अपने स्तर पर हनुमान की जाति बताने लगा.
रामदेव और शंकराचार्य ने क्या कहा?
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने हनुमान को आदिवासी बताया था. जबकि बाबा रामदेव ने बताया कि हनुमान अष्ट सिद्धि के ज्ञानी होने के साथ-साथ क्षत्रिय भी हैं. केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सोंघ ने हनुमान को दलित नहीं आर्य बताया तो शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने उन्हें ब्राह्मण बताया. बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने तो यह तक कह दिया कि हनुमान तो बंदर थे और बंदर पशु होता है, जिसका दर्जा दलित से भी नीचे होता है. वो तो राम ने उन्हें भगवान बना दिया. हनुमान को लेकर राजनीतिक बयानबाजी लगातार जारी है.