Advertisement

कोरोना के चलते रामलीला पर गहराया संकट, ऐशबाग में इस बार नहीं होगा मंचन

कहा जाता है कि 500 साल पूर्व गोस्वामी तुलसीदास ने इस रामलीला की शुरुआत की थी. लखनऊ के ऐशबाग स्थित ऐतिहासिक रामलीला मैदान में पीएम मोदी भी पूर्व में शिरकत कर चुके हैं.

समिति के सदस्यों ने लिया है फैसला समिति के सदस्यों ने लिया है फैसला
सत्यम मिश्रा
  • लखनऊ,
  • 22 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:56 AM IST
  • इस बार लखनऊ के ऐशबाग में नहीं होगी रामलीला
  • रामलीला समिति के सदस्यों ने लिया अहम फैसला
  • दशहरे के दिन कोरोना रूपी रावण का होगा दहन

कोरोना वायरस के चलते लखनऊ में इस बार रामलीला का मंचन नहीं किया जाएगा. कहा जाता है कि 500 साल पूर्व गोस्वामी तुलसीदास ने इस रामलीला की शुरुआत की थी. लखनऊ के ऐशबाग स्थित ऐतिहासिक रामलीला मैदान में पीएम मोदी भी पूर्व में शिरकत कर चुके हैं.

कोरोना महामारी के चलते लखनऊ के ऐशबाग इलाके में स्थित रामलीला मैदान के समिति के सदस्यों ने एक अहम फैसला लिया है. जिसके मुताबिक 500 वर्षों से हर साल होने वाली रामलीला इस बार कोरोना वायरस के चलते नहीं होगी. न ही मंच के जरिए इसका मंचन किया जाएगा. मंच के जरिए दिखाई जाने वाली राम की लीला जिसमें रामजन्म, लंका कांड, युद्ध, सीता स्वयंवर और नृत्य जैसे दृश्य कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए जाते थे वो इस बार नहीं होंगे.

Advertisement

रामलीला समिति के संयोजक एवं सचिव आदित्य द्विवेदी ने आजतक से बात करते हुए बताया कि जो सामान्य परंपराएं हैं उसका समिति द्वारा निर्वहन किया जाएगा. कलश स्थापना और पूजा की जाएगी और पहले दिन सुंदर कांड का पाठ भी किया जाएगा. लेकिन इसके अलावा मंचन का कोई भी कार्यक्रम नहीं किया जाएगा और न ही किसी दर्शक को रामलीला मैदान में एंट्री मिलेगी. एंट्री पूर्णता प्रतिबंधित होगी क्योंकि जो महामारी चल रही है वह घातक है और इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का बहुत ख्याल रखना है.

उन्होंने आगे कहा कि हमारे कलाकार जो रामलीला में भाग लेते थे उनका फोन आता है, वह बहुत ही दुखी मन से पूर्व में किए हुए रामलीला को याद करते हैं, वह कहते हैं कि अगर सब कुछ आज ठीक होता तो, इस समय वह सभी रामलीला मैदान में रिहर्सल कर रहे होते.

Advertisement

द्विवेदी आगे कहते हुए बताते हैं कि राम भक्तों को हालांकि विचलित होने की जरूरत नहीं है. उनके लिए हम रामलीला मैदान में मौजूद हॉल में एकल अस्तुति नृत्य, राम के जन्म, उनके महत्व पर चर्चा और परिचर्चा का लाइव प्रसारण सोशल मीडिया के माध्यम से शाम को करेंगे. भक्तगण यूट्यूब, फेसबुक और रामलीला की वेबसाइट के माध्यम से हमसे सीधे लाइव जुड़ सकते हैं और भगवान राम पर हो रही चर्चा और उनके जन्म की महिमा पर चर्चा जैसी तमाम चीजों को घर बैठे देख सकते हैं.

आदित्य द्विवेदी ने यह भी बताया कि कोरोना कॉल से पूर्व जिस तरह से भरत मिलाप का आयोजन किया जाता था और 1 किलोमीटर लंबी भीड़ होती थी और दोनों भाइयों का यानी कि राम और भरत का मिलाप जिस भव्यता से करवाया जाता था इस बार वह भी कोरोना के कारण नहीं हो पाएगा. द्विवेदी का कहना है कि मुझे नहीं याद कभी इस तरह का भी समय रहा होगा जब रामलीला नहीं मनाई गई होगी.

उन्होंने आगे कहा कि जब हमने हमारे पूर्वजों से बात की जो रामलीला समिति के सदस्य रहे थे, तो वह बताते हैं कि स्वतंत्रता से पूर्व एक बार प्लेग नाम की बीमारी आई थी. जिसके दौरान लोग अपने घरों को छोड़कर मैदानों और खेतों में घर बना कर रहते थे. उस वर्ष भी रामलीला नहीं मनाई गई थी. और आज यह एक वक्त आया है जब इस कोरोना महामारी में रामलीला नहीं मनाई जाएगी.

Advertisement

दशहरे के कार्यक्रम के बारे में बताते हुए आदित्य द्विवेदी ने कहा कि हमेशा की तरह इस बार भी दशहरे के दिन रावण के पुतला दहन के दौरान हमारी एक थीम होगी. जोकि कोरोना पर आधारित होगी. जिसमें 60 फीट का कोरोना का रावण बनाया जाएगा और दशहरे के दिन इसे आमंत्रित किए गए अतिथि के हाथों द्वारा जलाया जाएगा.

अतिथि पर बात करते हुए रामलीला समिति के संयोजक आदित्य द्विवेदी कहते हैं कि इस बार ज्यादा अतिथियों को भी नहीं बुलाया जाएगा. सिर्फ डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा दशहरे के दिन मौजूद होंगे जो रावण को जलाएंगे. उम्मीद है कि कोरोना के रावण को जलाने के उपरांत ईश्वर कोरोना रूपी रावण का खात्मा करेंगे. यानी कि बुराई पर अच्छाई की जीत होगी.

आपको बता दें कि राजधानी में होने वाली ऐशबाग की रामलीला पूरे देश भर में मशहूर है. कहा जाता है कि लगभग 500 साल पहले गोस्वामी तुलसीदास ने इसकी शुरुआत की थी. गौरतलब है कि वर्ष 2016 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ के ऐशबाग इलाके में स्थित ऐतिहासिक रामलीला मैदान में विजयदशमी के दिन शिरकत की थी और रावण का पुतला दहन किया था.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement