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लखनऊ में तेंदुए का एनकाउंटर, पुलिस और वन विभाग में ठनी

तेंदुए को गोली लगने और पकड़े जाने के बाद इलाके के लोग पुलिस वालों की जयकार करने लगे, लेकिन यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं रह पाई. तेंदुए की गोली से मौत हो गई और उसके बाद वन विभाग ने इसके लिए सीधे-सीधे पुलिस महकमे को जिम्मेदार ठहरा दिया.

तेंदुआ (फाइल फोटो) तेंदुआ (फाइल फोटो)
अजीत तिवारी/कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 17 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:55 PM IST

लखनऊ शहर के रिहायशी इलाके आशियाना के औरंगाबाद कॉलोनी में पिछले 3 दिनों से जिस तेंदुए के खौफ में लोग जी रहे थे वह आखिरकार पुलिस की गोली गई का शिकार हो गया.

तेंदुए को गोली लगने और पकड़े जाने के बाद इलाके के लोग पुलिस वालों की जयकार करने लगे, लेकिन यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं रह पाई. तेंदुए की गोली से मौत हो गई और उसके बाद वन विभाग ने इसके लिए सीधे-सीधे पुलिस महकमे को जिम्मेदार ठहरा दिया.

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दो दिनों तक जब वन विभाग तेंदुए को नहीं पकड़ पाया तो तीसरे दिन लखनऊ पुलिस ने इस ऑपरेशन को अपने हाथ में लिया. तेंदुए को पकड़ने की आखिरी कोशिश में जब एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक स्थानीय नागरिक घायल हो गया तो तेंदुए को पकड़ने के लिए उसे गोली मार दी गई. घायल अवस्था में उसे पकड़ा गया लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई.

लखनऊ एसएसपी ने कहा की आदमखोर तेंदुए ने लोगों पर हमला किया था और इंस्पेक्टर आशियाना त्रिलोकी सिंह को भी घायल किया. फायरिंग हुई इसमें आदमखोर तेंदुआ मारा गया.

वन विभाग इस तेंदुए को जिंदा पकड़ना चाहता था जबकि दो दिनों के मशक्कत के बाद भी तेंदुआ उनके हाथ नहीं आ रहा था. लखनऊ शहर में तेंदुए के खौफ को देखते हुए पुलिस ने ऑपरेशन अपने हाथ में लिया. लेकिन पकड़ने की बजाए पुलिस की गोली से हुई तेंदुए की मौत का मामला और उलझ गया. यूपी पुलिस और वन विभाग इस मुद्दे पर आमने-सामने है.

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